जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल देखने को मिल रही है। नीतीश कुमार का इतिहास रहा है कि वो किसी भी वक्त पाला बदल सकते हैं।
उन्होंने कुछ महीनें पहले लालू से अचानक अपना रिश्त खत्म कर लिया और फिर से अपने पुराने दोस्त बीजेपी के साथ चले गए और अब बीजेपी की मदद से सरकार चला रहे हैं लेकिन अब ताजा घटनाक्रम ने एक बार फिर अटकल लगाने पर मजबूर कर दिया है क्या नीतीश कुमार फिर से पाला बदल सकते हैं क्या?
दरअसल आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सिंगापुर से अपने स्वास्थ्य की जांच कराकर लौटने के साथ ही बिहार की सियासी में एक बार फिर एक्टिव हो गए है और उन्होंने पार्टी और विधायकों की अचानक से एक बैठक बुलायी है जबकि नीतीश कुमार और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच मंगलवार को मुलाकात हुई। इसके बाद कहा जा रहा है कि बिहार में कुछ बड़ा होने की संभावना एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही है।
सीएम नीतीश कुमार और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव मंगलवार को मुख्यमंत्री सचिवालय में मिले। ये बैठक अचानक नहीं हुई है बल्कि पहले से तय थी और बताया जा रहा है कि बिहार में सूचना आयुक्त के पद पर होने वाली नियुक्ति पर मशविरा करने के लिए दोनों नेता मिले हैं।
सूचना आयुक्त की नियुक्ति के लिए गठित कमेटी में मुख्यमंत्री के अलावा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री होते हैं। इस वजह से ये बैठक हुई और बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि इस दौरान दोनों नेताओं ने शायद नये राजनीतिक समीकरण पर चर्चा कर सकते हैं।
मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव जब बाहर निकले तो उन्होंने खुद ही सारी स्थिति सामने रख दी. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कुछ नियुक्तियां होनी हैं, जिस पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा हुई है।
सरकार इस संबंध में विधिवत जानकारी देगी.’ तेजस्वी ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने के मुद्दे पर भी उनकी सीएम से बात हुई है। इस मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में हैं इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि वो भी कोर्ट पहुंच गए हैं, सरकार अपनी बात कोर्ट में रखे, वो भी अच्छी तरह से अपनी बात रखेंगे।