पटना। बिहार में क्रिकेट को लेकर चल रहे खेल में अब नया मोड आ गया है। अब यहां क्रिकेट के नाम गोरखधंधा चल रहा था। कभी खिलाडिय़ों के टीम में खेलाने के नाम पर मोटी रकम ली जाती है तो कभी महिला खिलाडिय़ों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। वहीं बिहार क्रिकेट पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबता दिख रहा है।
इस भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए आदिय वर्मा लम्बी लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि इस लड़ाई को और बल तब मिलता दिखा जब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के लीगल कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जगन्नाथ सिंह ने बीसीए के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने बीसीसीआई के सीओए, न्याय मित्र, तथा लोकपाल को मेल भेज कर सूचित किया है कि वर्तमान बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव, कोषाध्यक्ष, अध्यक्ष तथा सीओएम के पदाधिकारियों का कार्यकाल खत्म हो गया है लेकिन ये लोग अब भी अपने पद पर बने हुए। इस तरह से सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त 18 के आदेश का अवमानना की जा रही है।
उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि हालात अब पूरी तरह से खराब हो चुके हैं। बिहार में क्रिकेट का बेड़ा गर्क हो रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशसन के सचिव, अध्यक्ष सहित 6 लोगो को अभियुक्त बना कर पटना के गांधी मैदान थाना मे एफआईआऱ दर्ज हुआ है, इसके अलावा बीसीसीआई से 2009 मे बिहार क्रिकेट संघ को 50 लाख रुपये के हिसाब पर डेलोयट रिपोर्ट मे बीसीए के वर्तमान सचिव तब के कोषाध्यक्ष पद पर विराजमान है, तत्कालिन बीसीए के कोषाध्यक्ष रामकुमार ने भी पटना के सचिवालय थाना मे एफआईआऱ 30/2017 50 लाख के हिसाब के गबन का एफआईआऱ दर्ज कराया है ।
जिस प्रकार बिहार के क्रिकेटरो का सत्यानाश कर बाहरी खिलाडिय़ों को बिहार से खिलाने का काम किया जा रहा है, चैनेल के स्टिंग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड को देख कर मेरा मन एक वकिल के हैसियत से लज्जित हो गया था। मैने अविलम्ब अपने पद से इस्तीफा दे कर अलग हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि एक वकिल के लिए यह कभी भी गवारा नहीं कर रहा था कि बिहार क्रिकेट संघ के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त 18 के आदेश के बाद भी अपने पद पर विराजमान हो कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मखौल उड़ा रहे है तथा बिहार के बाहर के क्रिकेटरो को पैसा ले कर बिहार से खिलाने का काम कर रहे हैं ।
जब तक सुप्रीम कोर्ट के 9 अगस्त 18 के आदेश के आलोक मे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अपने संबिधान का अनुसरण कर नए चुनाव नहीं करा लेता है बिहार मे एडहोक कमिटी बना कर बीसीसीआई बिहार के क्रिकेटरो के हित का ख्याल रखे ।