Tuesday - 29 October 2024 - 1:09 PM

बिहार : कोरोना महामारी के बीच बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

  • कोरोना के बढ़ते संक्रमण और बाढ़ के बीच लाखों लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर
  •  भारी बारिश से फिलहाल राहत नहीं

जुबिली न्यूज डेस्क

कोरोना वायरस संक्रमण के रोजाना रिकॉर्ड बढ़ते मामलों के बीच बिहार में बाढ़ ने भी तबाही मचानी शुरू कर दी है। लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वह कोरोना संक्रमण से खुद को बचाए या बाढ़ से।

फिलहाल बिहार के कई जिलों में भारी बारिश जारी है। नदियां उफान पर है। कई नदियों में जलस्तर ख़तरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कोरोना महामारी और बाढ़ के बीच लाखों लोग घरों से बाहर रहने को मजबूर हैं।

कोरोना महामारी से बिहार पहले ही हलकान था। अस्पतालों और क्वारांटाइन सेंटरों में बदहाली की वजह से लोग परेशान थे। अब बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।

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जैसे जिलों के मुख्यमार्ग और गलियों तक में पानी घुस आया है। इसके अलावा भी तमाम शहर पानी में डूबे हैं। मौसम विभाग ने सीतामढ़ी, दरभंगा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत वैशाली और गोपालगंज के लिए अलर्ट जारी किया है।

वहीं उत्तर बिहार के कई जिलों में भारी बारिश के कारण नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार 8 जिलों के 150 से अधिक ग्राम पंचायत क्षेत्रों में रहने वाले तीन लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। 12 हजार से अधिक की आबादी अपने घरों से बाहर है। पांच राहत शिविर चलाये जा रहे हैं।

सबसे बड़ी परेशानी इस बात की है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच बाढ़ प्रभावित लोग ‘स्टे होम, स्टे सेफ़’ का पालन कैसे करेंगे?

सोमवार को वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश जारी किया कि बाढ़ प्रभावितों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूकता फैलाई जाए, लेकिन राहत शिविरों में और ऊंचे स्थानों पर रह रहे प्रभावित लोगों के समूह में यह संभव नहीं दिखता जहां लोग अपना घर-बार छोड़ कर और जान बचाकर पहुंचे हैं।

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वहीं जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने मीडिया को बताया कि ” बिहार में मौसम विभाग ने भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की थी। बागमती और गंडक के कैचमेंट में काफी ज्यादा बरसात हुई है। हम लोग पिछले कई दिनों से नेपाल के 22 स्टेशनों का विश्लेषण कर रहे हैं जिसमें से 6 स्टेशनों में 100 एमएम से ज़्यादा बारिश हुई है।”

वह कहते हैं कि “गंडक के कैचमेंट में पिछले 12 घंटे में अधिक बारिश हुई है जिसके कारण जलस्तर बढ़ गया है। गंडक का जलस्तर अभी और बढऩे की आशंका है। इसको लेकर बेतिया, छपरा और वैशाली के डीएम को अलर्ट कर दिया गया है। बगहा टाउन में आबादी को हटाने का काम शुरू किया गया है।”

जल संसाधन विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में ढेंग में बागमती नदी के जलस्तर में करीब 80 सेंटीमीटर और वृद्धि होने की आशंका है। रुन्नीसैदपुर में इसका अधिक प्रभाव होगा, वहां भी जलस्तर में वृद्धि होने की संभावना है। ऐसे क्षेत्रों में लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है जिससे मुजफ़्फ़ऱपुर शहर पर भी बाढ़ का ख़तरा मंडराने लगा है। वहीं
कमला बलान नदी के क्षेत्र में भी पिछले 24 घंटे में बारिश हुई है जिसके कारण मधुबनी के जयनगर में लगभग 50 सेंटीमीटर और झंझारपुर रेल पुल के पास 85 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है।

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