जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में विधानसभा चुनाव तय समय पर होगा इसका संकेत चुनाव आयोग दे चुका है। इसलिए राजनीतिक दल भी कमर कस चुके हैं। चुनाव की तैयारियों में राजनैतिक पार्टियां जोर-शोर से जुट गई हैं। हालांकि अभी तक इस मामले में कांग्रेस थोड़ी पिछड़ती दिखाई दे रही है। इसलिए अब कांग्रेस की नैया पार कराने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी मोर्चा संभालेंगे।
बिहार के मतदाताओं को लुभाने के लिए बीजेपी जून माह से ही वर्चुअल रैली कर रही है। सीएम नीतीश कुमार भी मतदाताओं को लुभाने के लिए कई विकास योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं तो वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस पूरे परिदृश्य में कांग्रेस नदारद दिखाई दे रही है।
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फिलहाल चुनाव को देखते हुए अब कांग्रेस ने भी चुनाव प्रचार का खाका तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी बिहार चुनाव में प्रचार करेंगे। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि राहुल गांधी बिहार में वर्चुअल रैली करेंगे।
सितंबर के पहले हफ्ते से बिहार में चुनाव प्रचार शुरू करने की योजना कांग्रेस की है। बिहार चुनाव के दौरान कांग्रेस करीब 100 वर्चुअल रैली करेगी, जिन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा संबोधित किया जाएगा।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और बिहार विधानसभा चुनाव प्रभारी अजय कपूर ने सदाकत आश्रम में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा है कि कांग्रेस पूरे राज्य में 100 वर्चुअल महासम्मेलन आयोजित कराएगी। पार्टी ने इसे “बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन” नाम दिया है। ये वर्चुअल रैलियां 1 से 21 सितम्बर तक आयोजित की जाएंगी।
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बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन को संबोधित करने वाले नेताओं का जिक्र करते हुए कपूर ने बताया कि रैली में दिल्ली से दो नेता, 5 राज्य स्तरीय और जिला से 10 नेता रैली को संबोधित करेंगे। इसकी शुरुआत बेतिया जिले से होगी। इससे लोगों को जोडऩे के लिए पार्टी मिस कॉल कैंपेन चलाएगी।
सीटों की संख्या पर अजय कपूर ने कहा कि बिहार में पार्टी कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी इसका फैसला हाई कमान करेगा। राहुल गांधी जी स्वयं रूचि ले रहे है। हम एक सम्मान जनक संख्या पर चुनाव लड़ेंगे।
बिहार में कांग्रेस के पिछडऩे की एक बड़ी वजह ये है कि कांग्रेर्स ी इन दिनों अंदरुनी कलह से गुजर रही है, जिसका सीधा असर पार्टी और बिहार चुनाव पर पड़ रहा है। पार्टी नेतृत्व के मुद्दे को अभी तक सुलझा नहीं पायी है, अब पार्टी में बड़े बदलावों की मांग भी जोर पकडऩे लगी है। यही वजह है कि कांग्रेस बिहार चुनाव में अभी उतनी सक्रियता नहीं दिखा रही है।