जुबिली न्यूज़ डेस्क
बिहार की नई सरकार में मंत्री का पद संभालते ही विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। यही नहीं, उनके इस्तीफे का लिफाफा राजभवन पहुंच गया। उनपर भ्रष्टचार के आरोप लगे हैं। गुरुवार को भारी हंगामे के बीच मेवालाल ने शिक्षा विभाग का पदभार संभाला था। लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य विपक्षी दल लगातार उन पर हमलवर थे।
बीते दो दिनों से आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) लगातार मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर और उनकी पत्नी की मौत के मामले में हत्या का भी नया आरोप लगाया जा रहा था। लेकिन गुरुवार सुबह ही मेवालाल ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया था। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया।
Bihar Education Minister Mewa Lal Choudhary resigns. pic.twitter.com/Uo8K5bbIHB
— ANI (@ANI) November 19, 2020
मेवा लाल ने कहा कि मेरे ऊपर कोई चार्जशीट नहीं है। पत्नी की मौत के लिए मुझे जिम्मेदार बताने वालों पर मानहानि का मुकदमा करेंगे। जिस आईपीएस अधिकारी ने यह आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ 50 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा कर रहा हूं। मेरे खिलाफ ऐसा कोई तथ्य नहीं है जिसकी जांच की बात हो।
बता दें कि 2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपले बाजी करने का आरोप भी लगा हुआ है। उनके ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली की थी। इस मामले को लेकर उनके ऊपर प्राथमिकी भी दर्ज जा चुकी है।
इसके बाद तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था। इसके साथ ही उन पर विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप है। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।
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इसके अलावा मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय थीं। वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं। लेकिन साल 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी। इस मामले में भी एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी से पूछताछ की मांग की है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र भी लिखा है।