जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार की राजधानी पटना से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. खुसरूपुर इलाक़े में एक दलित महिला ने आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने उन्हें निर्वस्त्र कर मारपीट की है. इस महिला का आरोप है कि दो साल पहले डेढ़ हज़ार का कर्ज़ चुका देने के बाद अब उनसे इसका सूद मांगा जा रहा था. आरोप के मुताबिक़ सूद देने से इनकार करने पर महिला को निवर्स्त्र कर मारपीट की और चेहरे पर पेशाब भी कर दिया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक मामले के मुख्य नामज़द अभियुक्त प्रमोद सिंह को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. उनके बेटे की तलाश जारी है. पुलिस अभियुक्तों की तलाश में छापेमारी कर रही है.पुलिस की जांच में पैसे के लेन-देन के विवाद और मारपीट की पुष्टि हुई है, लेकिन बाक़ी जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच की जा रही है.
कपड़े उतारकर पीटने का आरोप
पटना शहर से क़रीब 50 किलोमीटर दूर खुसरूपुर के मोसिमपुर गाँव की ये घटना है. जब हम पीड़िता के घर पहुंचे तो देखा कि उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई है. उनके आसपास चार-पांच लोग बैठे हुए थे. पीड़ित महिला बात करने की हालत में नहीं थीं, लेकिन उनके एक रिश्तेदार के मुताबिक़ गांव के ही कुछ दबंगों से इलाज के लिए पीड़ित महिला ने दो साल पहले डेढ़ हज़ार रुपये कर्ज़ के तौर पर लिए थे.
आरोप है कि उसी रक़म के सूद की वसूली के लिए उनके साथ ऐसा किया गया है. घरवालों का दावा है कि कर्ज़ लेने के कुछ दिनों बाद पैसे आते ही उन्होंने कर्ज़दारों को सूद समेत सारे पैसे वापस कर दिए थे. घरवालों के आरोपों के मुताबिक़ पिछले हफ़्ते गुरुवार यानी 21 सितंबर को मोसिमपुर गांव के ही एक व्यक्ति ने दो साल पहले दिए गए रुपयों के बदले महिला से सूद की मांग की.
पीड़ित महिला ने यह कहकर सूद देने से इनकार कर दिया पहले कभी सूद बाक़ी होने के बारे में क्यों नहीं बताया. “महिला के इनकार के बाद मुख्य अभियुक्त प्रमोद सिंह ने उन पर ईंट से वार किया और भाग गया. उसके बाद महिला ने ख़ुद पुलिस को फ़ोन कर इसकी सूचना दी. इसी पर दबंग लोग फिर से आए और कपड़े उतारकर पीटने की धमकी दी.”
पुलिस में दर्ज शिकायत के मुताबिक़ शनिवार रात क़रीब दस बजे सूद मांगने वाले प्रमोद सिंह और उनके बेटे ने पीड़ित महिला को धोखे से अपने घर बुलाया. महिला शौच के लिए पानी लाने गई थीं. उनसे अभियुक्तों ने कहा कि उनके पति को बंधक बनाकर रखा है. इस बात पर महिला उनके घर की तरफ चली गई, जहां उनके साथ मारपीट की गई और निर्वस्त्र किया गया. दलित महिला के साथ मारपीट करने वाला अभियुक्त यादव परिवार से है.
गाँव में ख़ामोशी का माहौल
महिला के जेठ ने बताया कि पीड़ित महिला जब वहाँ से जान बचाकर भाग रही थी तब उनकी पत्नी और गाँव की बाक़ी महिलाओं ने उन्हें कपड़ों से ढंक लिया. महिला के परिवार वालों के मुताबिक़ मुख्य अभियुक्त प्रमोद सिंह के बेटे ने महिला पर पेशाब भी किया.उसके बाद पीड़ित परिवार ने 112 नंबर पर फ़ोन कर पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस अपनी गाड़ी से महिला का प्राथमिक उपचार कराने ले गई.आरोप लगने के बाद से ही अभियुक्त प्रमोद सिंह और उनका बेटा फ़रार हो गया. पुलिस उनकी तलाश में जुटी थी.
अभी बाक़ी आरोपों की पुष्टि
बातचीत करने पर स्थानीय पुलिस ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि महिला के साथ हुई घटना पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया है. इसमें एससी-एसटी एक्ट और महिला उत्पीड़न से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में दो नामज़द और चार अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. फ़िलहाल पुलिस बाक़ी अभियुक्तों की तलाश कर रही है. पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि जिन लोगों ने पीड़ित महिला को कर्ज़ दिया था, वो सूद पर पैसे देने का काम करते हैं. वो प्रभावशाली लोग हैं.
हालांकि पुलिस भी पुख़्ता तौर पर कुछ दावा करने से पहले मामले की पूरी जांच में जुटी है. छोटे से गांव में छह लोगों ने मिलकर महिला के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की है, जिसकी गवाही पुलिस को कुछ स्थानीय लोगों ने भी दी है. पुलिस अब इस बात की जांच भी कर रही है कि मुख्य अभियुक्त प्रमोद सिंह और उनके बेटे के अलावा बाक़ी चार लोगों को महिला के परिवार वाले क्यों नहीं पहचान पाए हैं.
खुसरूपुर की घटना पर सियासत तेज
खुसरूपुर की घटना को लेकर बिहार में सियासत भी तेज़ हो गई है. बीजेपी ने बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने इसके लिए राज्य सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है.
वहीं एलजेपी (रामविलास) के सांसद चिराग पासवान ने दलित महिला के साथ दुर्व्यवहार की इस घटना पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है. गांव में हमें पीड़ित परिवार का हालचाल लेने पहुंचे आरजेडी के स्थानीय विधायक और वाम दलों के विधायक दिखे.