स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट को लेकर लम्बे समय से संघर्ष करने वाले सीएबी के सचिव आदित्य वर्मा ने एक बार फिर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को अपने रडार पर लेते हुए कहा कि उनका संघ मौजूदा हालात पर अपनी पैनी नजर बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दिन बिहार क्रिकेट के ताजा हालातों को देखते हुए बिहार में एक एडहॉक कमेटी क्रिकेट संचालन के लिए अनुसंसा कर सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बिहार में चलाने वाली क्रिकेट संस्था अयोग्य हो चुकी है। इसकी लिखित सूचना बीसीसीआई के दो पूर्व लोकपाल ने बोर्ड को भेज दिया था। दूसरी ओर पटना हाईकोट के वरिय अधिवक्ता जगनाथ सिंह की अध्यक्षता में बीसीए के पूर्व सचिव अजय नारायण शर्मा गुट ने एक सामांचर बीसीए ने बिहार सरकार के निबंधन विभाग को सूचित कर सभी पूरा कर लिया है।
आदित्य वर्मा ने कहा कि चूकी सीएबी के लड़ाई से ही 18 सालों के पश्चात बिहार को प्रथम श्रेणी का मैच को दोबाा खेलने को मिला है। इसलिए जरूरत हुई या बीसीए को नए गुट ने सीएबी से सर्मथन मांगा तो उन्हें बिना शर्त के सर्मथन देने को तैयार है। उन्होंने मौजूदा समय में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर जमकर निशाना साधा है। सीएबी चाहता है कि बिहारी खिलाडिय़ों को बाहर न खेलना पड़े और वह अपने प्रदेश की टीम से ही खेले। पत्रकारों से बातचीत में आदित्या वर्मा ने उम्मीद जतायी है कि बिहार में अब क्रिकेट के हालात बदलेंगे। दरअसल एसोसिएशन की और से गांधी मैदान थाना में कुछ अधिकारियों के ऊपर मामला दर्ज कराया गया था। एसोसिएशन की मानें तो पुलिस सुस्त होकर इस मामले में कार्रवाई कर रही है। गवाहों के बयान दर्ज हो जाने के बावजूद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है
बता दें कि बिहार क्रिकेट में आज से नहीं बल्कि बरसों से खेल के नाम पर गलत किया जा रहा है। खिलाडिय़ों के भविष्य पर बिहार क्रिकेट एसोसियेसन के गलत फैसले के चलते बेड़ा गर्क हो चुका है। इससे पहले भी क्रिकेट के नाम पर वहां पर खेल खेला गया है। अब देखना होगा कि कौन सी कमेटी असली है। इसका फैसला भी बहुत जल्द हो जायेगा। इस पूरे मामले में आदित्या वर्मा ने भी कहा है कि वह चाहते हैं कि बिहार में क्रिकेट हो और खिलाडिय़ों को उनका हम मिले। उन्होंने कहा कि इस वजह से वो इतनी लम्बी लड़ाई लड़ रहे हैेे।