न्यूज डेस्क
दिल्ली के चुनावी अखाड़े में इस बार बिहार का दंगल दिलचस्प है। चुनावों में पूर्वांचल के वोटरों को रिझाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जेडीयू को दो सीटें दी हैं। इसके अलावा सीमापुरी सीट एलजेपी को दी गई है।
वहीं, कांग्रेस ने आरजेडी के सहारे पूर्वांचल के वोटरों को साधने की कोशिश की है। कांग्रेस ने भी आरजेडी से गठबंधन किया है और चार विधानसभा सीटों बुराड़ी, किराड़ी, उत्तम नगर और पालम से आरजेडी लड़ रही है।
असल में इन चारों सीटों पर पूर्वांचली वोटर काफी तादात में हैं। राजधानी में ऐसा पहली बार हो रहा है जब क्षेत्रीय पार्टियां इस चुनाव में प्रभावी भागीदारी दिखा रही हैं।
इस बीच संगम विहार और बुराड़ी में जेडीयू मजबूत दावेदारी पेश कर रही है, नीतीश रविवार को दोनों जगह रैली करेंगे। सबसे खास ये है कि बुराड़ी में अमित शाह उनके साथ होंगे। वहीं, संगम विहार में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ नीतीश प्रचार करेंगे।
गौरतलब है कि बुराड़ी को पूर्वांचल के वोट बैंक के तौर पर देखा जाता है। ज्यादातर उम्मीदवार भी पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इस सीट से आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक संजीव झा पूर्वांचली चेहरा हैं। वह 2013 और 2015 में यहां से जीत चुके हैं।
बीजेपी ने 2015 में पूर्वांचली चेहरा कहे जाने वाले गोपाल झा को टिकट दिया था। इस बार बीजेपी गंठबंधन की तरफ से जेडीयू के पूर्वांचली प्रत्याशी शैलेंद्र सिंह मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस गठबंधन की तरफ से आरजेडी के प्रमोद त्यागी को मौका दिया है।
बताते चले कि पिछले 10 सालों में दिल्ली के जनसांख्यिकीय पैटर्न में तेजी से बदलाव हो रहा है। यहां पूर्वांचलियों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। बता दें कि दिल्ली में कुल 1.46 करोड़ वोटर हैं।
इसमें से लगभग 40 लाख वोटर पूर्वांचली हैं। तीनों ही बड़ी पार्टियों में भी पूर्वांचली नेताओं को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हुई हैं। इसमें मनोज तिवारी (बीजेपी), कीर्ति आजाद (कांग्रेस) और संजय सिंह (आप) शामिल हैं।