न्यूज डेस्क
बिहार में सीएम नीतीश कुमार ने आज अपने मंत्रिपरिषद विस्तार किया। मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी जेडीयू के आठ विधायकों को मंत्री बनाया। इनमें नरेंद्र नारायण यादव, श्याम रजक, अशोक चौधरी, बीमा भारती, संजय झा, रामसेवक सिंह, नीरज कुमार और लक्ष्मेश्वर राय के नाम शामिल हैं। इस मंत्रिमंडल विस्तार में खास बात ये रही कि इनमें बीजेपी और एलजेपी का कोई नेता शामिल नहीं है।
बिहार कैबिनेट विस्तार पर सीएम नीतीश ने जेडीयू कोटा भरा गया है। बीजेपी से कोई दिक्कत नहीं है। नीतीश मंत्रीमंडल के विस्तार के बाद सुशील मोदी ने ट्वीट करके कहा कि नीतीश कुमार ने खाली सीटों पर बीजेपी को ऑफर दिया था। भविष्य में बीजेपी के खाते वाली सीटों को भरा जाएगा।
Nitish Kumar has offered Bjp to fill the vacant ministerial seat.Bjp decided to fill it in future .
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) June 2, 2019
मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए नीतीश कुमार ने पिछड़ों और अति पिछड़ों मतदाताओं के बीच संदेश देने की कोशिश की। आठ नए मंत्रियों में से छह पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से हैं। बिहार में पिछड़ा और अति पिछड़ों का वोट 50 फीसदी से ज्यादा है और अगले साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
नीतीश कैबिनेट के नए मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी दल राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे भी पहुंचे। वहीं भाजपा नेता और बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद रहे। रामचंद्र पूर्वे ने हालांकि कहा कि नीतीश सरकार से राजद की वैचारिक लड़ाई जारी रहेगी।
बताते चले कि बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के कई विधायकों के सांसद बन जाने के बाद खाली हुए मंत्री पद भरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिपरिषद विस्तार किया है। केंद्रीय कैबिनेट के गठन के बाद बिहार में नीतीश सरकार का ये कैबिनेट विस्तार काफी अहम माना जा रहा था।
Bihar cabinet expansion: Eight JDU leaders take oath as ministers in State Government pic.twitter.com/LHqNVFVteA
— ANI (@ANI) June 2, 2019
सबकी नजरें इस पर थी क्या नीतीश मोदी सरकार में जेडीयू को कोई मंत्री पद नहीं मिलने का बदला लेंगे। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार जेडीयू के तीन सांसदों को मंत्री बनवाना चाहते थे लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पाई और शपथ ग्रहण से ऐन वक्त पहले जेडीयू ने मोदी सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया।