जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. बिहार अब देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने यातायात नियंत्रण के साथ ही यातायात से जुड़े सिपाहियों और अफसरों की हर गतिविधि की मानीटरिंग का इंतजाम कर दिया है. ड्यूटी के दौरान हर सिपाही और अधिकारी की हर गतिविधि पर विभाग की हर सेकेण्ड नज़र रहेगी. इस व्यवस्था से अच्छा काम करने वाला सिपाही और अधिकारी पुरस्कृत भी किया जा सकेगा और भ्रष्टाचार में लगे व्यक्ति को पकड़ने में ज़रा भी देर नहीं लगेगी.
दरअसल बिहार सरकार ने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों और सिपाहियों की वर्दी पर कैमरे लगाने का फैसला किया है. बिहार की राजधानी पटना और नालंदा जिले में यह प्रयोग शुरू भी कर दिया गया है. यह बॉडी वर्ण कैमरा अधिकारियों और सिपाहियों की हर गतिविधि को मानीटर करता है. इस व्यवस्था से ट्रैफिक पुलिस और पब्लिक के बीच के व्यवहार का अध्ययन करने में सहूलियत मिलेगी.
इस व्यवस्था से वाहन चालकों से नाजायज़ वसूली पर रोक लगेगी. पब्लिक से दुर्व्यवहार पर नज़र रखी जा सकेगी. ट्रैफिक पुलिस ड्यूटी के दौरान पब्लिक से किस तरह से पेश आ रही है इसकी मानीटरिंग कंट्रोल रूम से लगातार होती रहेगी. आईजी ट्रैफिक एम.आर. नाइक ने इस सम्बन्ध में काफी अध्ययन के बाद बिहार के एक दर्जन जिलों में यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं. पटना और नालंदा में इसे लागू कर भी दिया गया है. जल्दी ही इस व्यवस्था को मुज़फ्फरपुर, बेगुसराय, मुंगेर, दरभंगा, गया, भोजपुर, भागलपुर, नालंदा और सारण में भी लागू कर दिया जायेगा.
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