विधानसभा में चंपई सोरेन के पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 29 वोट डाले गए। JMM-कांग्रेस ने व्हिप जारी कर फ्लोर टेस्ट में सभी विधायकों को रहने का आदेश दिया था…
जुबिली स्पेशल डेस्क
झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने आख़िरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। फ्लोर टेस्ट के दौरान चंपई सोरेन सरकार के पक्ष में 47 वोट डाले गए जबकि उनकी सरकार के विरोध में 29 वोट डाले गए।
इस तरह से फ्लोर टेस्ट में जीत हासिल करते हुए विश्वास मत हासिल कर लिया है, जबकि विश्वास मत के बाद हेमंत सोरेन को ईडी दफ्तर ले जाए गया है।
इससे पहले गिरफ्तारी के बाद फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लेने के हेमंत सोरेन को अनुमति मिली तो हेमंत सोरेन ने विधानसभा संबोधित करते हुए बीजेपी को अपने निशाने पर लिया है और अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि मेरी गिरफ्तारी की पटकथा लिखी गई, इनका बस चले तो वापस जंगल भेज दें। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के फ्लोर टेस्ट से पहले हेमंत सोरेन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, कि यह झारखंड है, यह देश का एक ऐसा राज्य है जहां हर कोने में आदिवासी-दलित वर्गों से अनगिनत सिपाहियों ने अपनी कुर्बानी दी है।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि 31 जनवरी की काली रात, देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ी है। मेरी गिरफ्तारी में राजभवन भी शामिल है। हेमंत सोरेन ने कहा कि मैं आंसू नहीं बहाऊंगा।
आंसू वक्त के लिए रखूंगा। अगर मुझपर घोटाले साबित हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा, संन्यास ही नहीं झारखंड छोड़ दूंगा। साबित करें कि वो जमीन मेरे नाम पर है। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए ईडी की हिरासत में विधानसभा पहुंचे। उनकी कुर्सी जा चुकी है लेकिन उनके तेवर कमजोर नहीं पड़े है।
उन्होंने विधानसभा में बीजेपी को चुनौती दी है और साफ कहा है कि सुनियोजित तरीके से 2022 से पटकथा लिखी जा रही थी. गिरफ्तारी की इस सुनियोजित साजिश में राजभवन भी शामिल था। ये पकवान धीमी आंच पर पकाया जा रहा था। मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, वंचितों के आंसुओं का मोल नही। हम लोगों ने सिर झुकाकर चलना नहीं सीखा। आदिवासी, दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है. वे देश में सुरक्षित नहीं।