जुबिली न्यूज डेस्क
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी में बड़ा खुलासा हुआ है. जिस रात पीड़िता के साथ रेप-मर्डर की घटना हुई, उस समय वहां तैनात डॉक्टर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई हो सकती है. इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने कोलकाता पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस झूठ बोल रही है. मेडिकल वार्ड में किसी तरह की एसओपी का पालन नहीं किया गया था.
एक मीडिया संस्थान से बातचीत में उस रात इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, “पुलिस झूठ बोल रही है. आपातकालीन मेडिकल वार्ड में एसओपी का पालन नहीं किया गया, जिससे मौत के समय और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में देरी हुई है. डॉक्टर ने आगे कहा, वायरल वीडियो में दिखाए गए लोग अपराध स्थल से संबंधित नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्हें वहां प्रवेश करने दिया गया, जिससे सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना बढ़ गई.
डॉक्टर ने बताया, पोस्टमॉर्टम आरजी कर मेडिकल कॉलेज में किया गया था, जबकि आंदोलन और पारदर्शिता की मांग के बीच इसे किसी अन्य मेडिकल कॉलेज में किया जाना चाहिए था. पुलिस की घेराबंदी और वायरल वीडियो की असंगतता ने संदेह बढ़ाया कि क्राइम सीन से छेड़छाड़ की गई हो सकती है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज ही डॉक्टर्स के प्रदर्शन का गढ़ रहा है. यहां के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष की भूमिका को लेकर भी सवाल उठ रहे थे.
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वहीं, सीबीआई ने सोमवार (2 सितंबर) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता में संलिप्तता को लेकर पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष को गिरफ्तार किया है. उनके साथ तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. ये तीन अन्य लोग सुरक्षाकर्मी अफसर अली और अस्पताल के विक्रेता बिप्लव सिंघा और सुमन हजारा हैं, जो अस्पताल में चीजों की सप्लाई करते थे. संदीप घोष की गिरफ्तारी के एक घंटे के भीतर ही सीबीआई अधिकारियों ने तीन और गिरफ्तारियां की हैं.