जुबिली न्यूज डेस्क
जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है. झारखंड हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. करीब पांच महीने बाद सोरेन जेल से बाहर आएंगे.
सोरेन की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 13 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने 27 मई को झारखंड हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. ED ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन पर 8.42 एकड़ जमीन घोटाला का आरोप है.
ED ने हाई कोर्ट में किया था ये दावा
बता दे कि ED ने हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण सबूत पेश किए थे. कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया था कि हेमंत सोरेन ने बड़गाई की 8.5 एकड़ जमीन पर कब्जे के लिए अधिकारियों से भी मदद ली थी. ईडी ने दावा किया कि बड़गाई के राजस्व कर्मी भानु प्रताप और उनके प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने पूछताछ के दौरान ईडी का दावे की पुष्टि की थी.
रांची के बड़गांई में हेमंत सोरेन पर 8.42 एकड़ जमीन घोटाला का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, यह जमीन भूंइहर कोटे की है, जिसे कोई खरीद और बेच नहीं सकता है. इसके बावजूद हेमंत ने 2010 में इस पर अवैध तरीके से कब्जा जमा लिया. जांच एजेंसी के मुताबिक हेमंत सोरेन सरकार में आने के बाद स्थानीय अधिकारियों के जरिए इस जमीन की पैमाइश करने में लगे थे.
वहीं हाईकोर्ट में हेमंत के वकील ने ईडी के इन आरोपों को मनगढ़ंत बताया और कहा कि जमीन से हेमंत का कोई लेना-देना नहीं है. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों के व्हाट्सऐप चैट और राजस्व अधिकारी भानु प्रताप प्रसाद के बयान जमा कराए थे.