जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। सरकार जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया बहाल करना चाहती है। इसको लेकर पीएम मोदी और अमित शाह ने गुरुवार को कश्मीर के नेताओं से मिलकर इसपर बातचीत की है।
पीएम मोदी चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया जाये। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया है और कहा है कि कि हमारी प्राथमिकता यह है कि जम्मू-कश्मीर में जमीनी तौर पर लोकतंत्र को मजबूत किया जाए।
इसके लिए परिसीमन तेजी से कराए जाने की जरूरत है ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को चुनी हुई सरकार मिल सके। इससे विकास में भी तेजी आ सकेगी। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के 14 नेताओं से मुलाकात की है और इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने नए बने केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन को जरूरी बताया है।
ऐसे अब बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले परिसीमन चाहती है? जहां एक ओर सरकार परिसीमन चाहती है लेकिन विपक्ष इससे सहमत नहीं है।
Our priority is to strengthen grassroots democracy in J&K. Delimitation has to happen at a quick pace so that polls can happen and J&K gets an elected Government that gives strength to J&K’s development trajectory. pic.twitter.com/AEyVGQ1NGy
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2021
- राज्य के पुनर्गठन से पहले कुल 111 विधानसभा सीटें थीं
- जिनमें से 46 कश्मीर में थीं और 37 सीटें जम्मू के पास थीं
- वहीं लद्दाख में 4 सीटें आती थीं
- इसके अलावा 24 सीटें पीओके के लिए आरक्षित थीं
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों का परिसीमन तो पूरे देश के साथ ही होता रहा है, लेकिन विधानसभा सीटों का परिसीमन आखिरी बार 1995 में हुआ था। इसकी वजह यह थी कि आर्टिकल 370 लागू होने के चलते प्रदेश की विधानसभा का परिसीमन राज्य के संविधान के तहत तय होता था। उधर जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर वहां पर सियासी घमासान तेज हो गया है। अगर अगर परिसीमन हुआ तो जम्मू कश्मीर में सत्ता और राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा।
तो फिर परिसीमन के बाद चुनाव होगा जम्मू में
उधर सरकार ने साफ कर दिया है कि परिसीमन के बाद चुनाव कराया जायेगा। गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक के दौरान कहा था कि सरकार और सभी के सहयोग से परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने के बाद विधानसभा चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध।
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि सभी नेताओं से परिसीमन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में मदद करने के लिए आग्रह किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भी सभी दलों को आश्वासन दिया कि वे परिसीमन प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा होंगे और उनके विचारों को लिया जाएगा.
परिसीमन क्या है?
परिसीमन (Delimitation) का सामान्य अर्थ है किसी राज्य/UT में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए निर्वाचन क्षेत्र का निर्धारण करना। इसमें प्रक्रिया में लोकसभा या विधानसभा की सीटों की सीमाओं का पुनर्निधारण किया जाता है।