जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून का मजाक बनाया जा रहा है। हाल के दिनों में यूपी में रेप की घटनाओं ने जोर पकड़ लिया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की माने तो भारत में हर 15 मिनट में एक लड़की के साथ रेप होता है।
हालांकि कुछ घटनाएं प्रकाश में नहीं आ पाती है। इसके साथ यह भी पता चला है कि यूपी के 14 रेप मामलों में से 11 मामले ऐसे होते हैं जिसमें केस दर्ज हो पता है। इसके आलावा निर्भया, कठुआ और हाथरस जैसे मामलों ज्यादा तूल पकड़ते हैं।
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बात अगर हाथरस में हुए गैंगरेप की जाये तो पूरे देश में इसको लेकर गुस्सा है और लोग जगह-जगर पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। इतना ही नहीं पूरा विपक्ष इस मामले को बढ़-चढ़कर उठा रहा है। कहने का मतलब है कि विपक्ष के दबाव के आगे योगी सरकार टेंशन में आ गई है और मामले की जांच को सीबीबीआई हवाले कर दिया था।
हालांकि एसआईटी भी अपने तरीके से जांच कर रही है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सीबीआई की कब इसमें अपनी जांच शुरू करेगा। हाथरस में गैंगरेप के बाद हत्या मामले में सीबीआई जांच को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है. योगी सरकार के अनुशंसा किए जाने 5 दिन बाद भी सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है। ऐसे में हर कोई पूछ रहा है कि सीबीआई कब इसमें कोई एक्शन लेती है।
देशभर में चर्चित इस मामले में सीबीआई की ओर से शिथिलता बरतने को लेकर सवाल उठ रहे हैं… सीबीआई ने ना तो अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और न ही घटना से संबंधित दस्तावेज स्थानीय पुलिस से तलब किए हैं…
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार बिश्वदीप घोष ने मानते हैं कि सीबीआई किसी भी केस में जल्दबाजी नहीं दिखाती है। जहां तक हाथरस का केस की बात है तो यहां पर एसआईटी की रिपोर्ट और पुलिस की जांच के बाद ही सीबीआई पूरे केस को अपने हाथ लेगी। उन्होंने बताया कि उम्मीद है सात या आठ दिन बाद सीबीआई केस को ले सकती है।
उधर हाथरेस केस में लगातार खुलासे देखने को मिल रहे हैं। हाथरस गैंगरेप मामले में जेल में बंद चारों आरोपियों के एक खत के बाद से इस मामले में टिवस्ट आ गया है। अब यह मामला अलग ही रंग लेता नजर आ रहा है। सभी 4 आरोपियों ने जिले के पुलिस अधीक्षक को लिखे खत में चारों आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा है कि 14 सितंबर को लड़की के भाई ने उसकी पिटाई की थी।