जुबिली स्पेशल डेस्क
संसद के बजट सत्र में देश की आर्थिक स्थिति से ज्यादा चर्चा महाकुंभ भगदड़ को लेकर हो रही है। अब तक योगी सरकार महाकुंभ के नाम पर तमाम तरह के दावे कर रही है।
इतना ही नहीं सरकार के कई मंत्री और खुद मोदी सरकार भी महाकुंभ के आयोजन को लेकर योगी सरकार की जमकर तारीफ करने में लगी हुई लेकिन उसी महाकुंभ में भगदड़ मच गई और योगी की तारीफ करने वाले लोग अब इस मामले में मौन हो गए है और महाकुंभ के शानदार आयोजन का दावा करने वाले राजनेता भी इस पर खुलकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन विपक्ष भगदड़ में मरने वालों की संख्या को लेकर सवाल उठा रहा है और लगातार योगी को निशाना बनाया जा रहा है।
बड़ा सवाल है कि 29 जनवरी को प्रयागराज के संगम नोज पर भगदड़ मच गई थी। सरकार और प्रशासन का कहना है कि यहां सिर्फ 30 लोग मरे हैं। बार-बार उनकी तरफ से यह बताया जा रहा है लेकिन विपक्ष इसे मानने से इनकार कर रहा है।
विपक्ष के अनुसार ये आंकड़ा 1000 से ज्यादा है लेकिन सत्ता पक्ष इस पर कुछ भी कहने से बच रहा है। महाकुंभ की तैयारी के वक्त यूपी की सरकार ने 100 करोड़ लोगों को स्नान कराने की व्यवस्था करने की बात कही थी।
इतना ही नहीं योगी के मंत्री हर राज्य में जाकर लोगों को महाकुंभ आने का न्यौता दे रहे थे लेकिन महाकुंभ में भगदड़ और कुछ हादसों से योगी सरकारी की तैयारियों की पोल खुल गई।
वहीं विपक्ष ने योगी सरकार की तैयारियों को लेकर सवाल उठाया और कहा कि तैयारी कम प्रचार ज्यादा किया गया। शंकराचार्य का कहना है कि जब 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था थी, तब 10-20 करोड़ भी क्यों नहीं संभाल पाए?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि अब भी कई लोग लापता हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन उनका पता नहीं लगा पा रहे हैं। सरकार इस सच्चाई को छिपा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार, महाकुंभ में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार इस मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। राज्यसभा में जब जगदीप धनखड़ ने उन्हें टोका, तो खरगे ने जवाब दिया, “सही आंकड़ा आप ही बता दीजिए।”
राज्यसभा सांसद जया बच्चन का कहना है कि महाकुंभ में मारे गए लोगों के शव गंगा में बहा दिए गए, लेकिन सरकार इस सच्चाई को जनता के सामने नहीं ला रही है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर सरकार सच क्यों छिपा रही है?