जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। रुपया को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। दरअसल डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा है। रुपया शुक्रवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 81.20 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया है।
यूएस ट्रेजरी यील्ड्स के कई साल के हाई पर पहुंचने और इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की ऊंची डिमांड के कारण रुपये में यह गिरावट आने की बात कही जा रही है। इतना ही नहीं रुपये में गुरुवार को फरवरी के बाद से सबसे बड़ी सिंगल सेशन पर्सेंटेज गिरावट आई थी। डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपये में 99 पैसे की गिरावट आई थी।
वहीं अगर डॉलर की बात करे तो ये 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है। बता दे कि बुधवार को एक डॉलर की कीमत 79.98 रुपये थी जबकि डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को अब तक के सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा था । रुपया 80.27 पर खुला और शुरुआती ट्रेंड में यह 80.47 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था । वहीं अगर डॉलर की बात करे तो ये 20 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है।
समाचार एजेंसी ने इस बारे में एक अधिकारी ने कल जानकारी देते हुए बताया था कि बाजार के बुनियादी अनुरूप कमजोर रुपया हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है। इतना ही नहीं इंडियन इकोनॉमी के लिए काफी मददगार साबित होगा।
इससे इंपोर्ट घटेगा और एक्सपोर्ट बढ़ेंगा। हालांकि, इस पूरे मसले पर अभी वित्त मंत्रालय ने कोई कमेंट नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने की एक बड़ी वजह क्या है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि यूएस फेड के द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाया जाना है। बुधवार को यूएस फेड ने मंहगाई को नियंत्रित करने के 0.75 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर बढ़ाया था।