जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. क्षेत्रीय पार्टियों के साथ प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर को दोबारा से राज्य का दर्जा दिया जा सकता है. जम्मू कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पिछले काफी समय से काम कर रहे हैं.
एक न्यूज़ चैनल के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक़ प्रधानमन्त्री अगले गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बैठक कर इसे फिर से राज्य का दर्जा दिए जाने पर विमर्श करेंगे.
उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनकर उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बाँट दिया गया था. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नाम से दो केन्द्र शासित प्रदेश बन गए थे. यह फैसला करने से पहले केन्द्र सरकार ने काफी होमवर्क किया था. राज्य की इंटरनेट सेवायें बंद कर दी थीं. पूरे सूबे को छावनी में बदल दिया था. सभी क्षेत्रीय पार्टियों के प्रमुख नेताओं को या तो नज़रबंद कर दिया था या फिर उन्हें जेल भेज दिया था.
धीरे-धीरे हालात सामान्य होते गए और गिरफ्तार नेताओं की रिहाई होती चली गई. अब वहां लगाई गई सारी बंदिशें खत्म हो चुकी हैं और गाड़ी पटरी पर दौड़ने लगी है. अब जब सब कुछ सामान्य हो ही चुका है तो जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिए जाने पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
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प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर दो महत्वपूर्ण बैठकें कर चुके हैं. अगले गुरूवार को वह एक बार फिर क्षेत्रीय पार्टियों के प्रमुख नेताओं के साथ बैठेंगे और इस बैठक में ही संभवत: जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा. विशेष राज्य का दर्जा अब नहीं रहेगा लेकिन भारत के बाकी राज्यों की तरह से जम्मू-कश्मीर भी हो जाएगा. हालांकि इस बैठक में लद्दाख को लेकर कोई बात नहीं होनी है. लद्दाख के हालात अलग हैं और सरकार फिलहाल उसे केन्द्र शासित प्रदेश ही बनाए रखेगी.