जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन के साथ जारी जंग में सिर्फ यूक्रेन को ही नहीं बल्कि रूस को भी बड़ झटका लगा है। अमेरिका व अन्य यूरोपीय देशों के साथ पिछले कुछ दिनों से चल रही तनातनी के बीच रूस की मुद्रा रूबल में एक बार फिर से बड़ी गिरावट आई है।
सोमवार को यह करेंसी डॉलर के मुकाबले करीब 30 फीसदी टूट गई और नए रिकॉर्ड लो लेवल पर आ गई। जानकारों का कहना है कि पश्चिमी देशों के कड़े प्रतिबंधों का असर अब साफ दिखने लगा है।
इन देशों ने रूस पर लगाए कड़े प्रतिबंध
अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी जैसे देशों ने पहले रूस के खिलाफ हल्के प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था, लेकिन इसका रूस पर कोई असर नहीं हुआ और उसने यूक्रेन के ऊपर हमला बोल दिया।
इसके बाद अमेरिका व उसके सहयोगी देशों ने प्रतिबंध कड़े कर दिए। अब न सिर्फ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन प्रतिबंधों के दायरे में आ चुके हैं, बल्कि रूस का सेंट्रल बैंक भी इसका शिकार बन चुका है। इसके अलावा रूस को इंटरनेशनल पेमेंट सिस्टम स्विफ्ट से भी बाहर करने की तैयारी है।
हाई अलर्ट पर रूस के परमाणु हथियार
यूक्रेन व रूस में चल रहे युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने रविवार को परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर डाल दिया। इससे इन्वेस्टर्स के बीच अफरा-तफरी पसर गई और वे सुरक्षित निवेश की ओर भागने लगे।
इसकी वजह से करेंसी मार्केट में डॉलर और येन जैसी सुरक्षित करेंसीज की डिमांड तेज हो गई। रूबल आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले करीब 20 फीसदी गिरकर 119 पर आ गया।
इन करेंसीज में भी बड़ी गिरावट
अन्य करेंसीज को देखें तो यूरो में भी सोमवार को गिरावट देखने को मिली। यह डॉलर के मुकाबले 0.76 फीसदी, जापानी करेंसी येन के मुकाबले 0.73 फीसदी और स्विस फ्रैंक के मुकाबले 0.60 फीसदी के नुकसान में रही।
इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ऑस्ट्रेलियाई करेंसी में 0.75 फीसदी की गिरावट आई। न्यूजीलैंड की करेंसी 0.79 फीसदी तो ब्रिटिश स्टर्लिंग में 0.29 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।
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रूस में बैंकों और एटीएम के सामने लगी भीड़
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर अब साफ दिखने लगा है। इसके चलते रूस में आम लोगों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन रहा है।
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बीबीसी की एक रिपोर्ट की मानें तो रूस में बैंकों और एटीएम के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं। रूस के आम लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बाद में उनका बैंक कार्ड काम करना न बंद कर दे या पैसे की निकासी पर लिमिट न लग जाए।
इस कारण लोग ज्यादा से अधिक कैश निकाल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर करेंसी की वैल्यू गिरने से रूस में महंगाई चरम पर पहुंचने का खतरा भी है।