जुबिली स्पेशल डेस्क
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की जब से कुर्सी गई है तब से उनकी परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल करप्शन से जुड़े मामले में चुनाव आयोग ने एक बड़ा कदम उठाया है।
पाकिस्तानी मीडिया की माने तो पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की संसद की सदस्यता वहां के चुनाव आयोग ने खत्म कर दी है. यानी अब वो पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं रहे।
उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इसके साथ इमरान खान अगले 5 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इस फैसले के बाद से पाकिस्तान में बवाल मच गया है।
उनके समर्थक सडक़ पर उतर आये है और चुनाव आयोग के बाहर उनके समर्थकों ने फायरिंग कर डाली है। इतना ही नहीं जमकर हंगामा काटा है। उधर इमरान की पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।
ये हैं मामला
मामला साल 2018 का जब वो पाक के पीएम बने थे और विदेशी यात्रा पर गए थे। इस दौरान उनको तोहफे में एक महंगी घड़ी मिली थी। ये घंडी अरब देशों की यात्रा करने पर गिफ्ट्स में मिली थी।
इमरान ने इन्हें तोशखाना में जमा करा दिया था. लेकिन इमरान खान ने बाद में तोशखाना से इन्हें सस्ते दामों पर खरीदा और मुनाफे में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार द्वारा कानूनी अनुमति दी गई थी।
कहा जा रहा है कि इमरान खान ने तीन ज्वैल क्लास की घडियों को एक स्थानीय घड़ी डीलर को अवैध रूप से बेचकर 36 मिलियन रुपये कमा डाले। इसी मामले में अब उनके खिलाफ चुनाव आयोग का फैसला आया है।
ये है नियम
पाकिस्तानी कानून की माने तो यदि किसी गणमान्य व्यक्ति को विदेश से कोई गिफ्ट्स मिलता है तो वो स्टेट डिपॉजिटरी या तोशाखाना में जमा करना होता है।
इतना ही नहीं किसी भी सरकारी अधिकारी को मिले उपहार की तुरंत इन्फर्मेशन देनी होती है, जिससे उसकी प्राइस का आंकलन किया जा सके । गिफ्ट्स जमा करने के बाद ही प्राप्तकर्ता एक विशिष्ट राशि का भुगतान करके उपहार को अपने पास रख सकता है।