जुबिली न्यूज डेस्क
इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई को लेकर दायर की गई याचिका को लेकर कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी याचिका में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से वसूली प्रक्रिया को चुनौती दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कांग्रेस के खातों में कई तरीकों के बेहिसाब लेनेदेन थे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के पास उनकी पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत मौजूद थे। इनके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिकाओं में साल 2014-15,16 और 17 तक के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही को चुनौती दी गई थी। इसमें विभाग का कहना था कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री यह दिखाने के लिए काफी है कि पार्टी की बची हुई इनकम 520 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
कोर्ट ने पहले भी खारिज की थी याचिका
इससे पहले 22 मार्च को जस्टिस यशवंत वर्मा और पुरुषइंद्र कुमार कौरव की बेंच ने अधिकारियों की तरफ से लगातार तीन साल यानी 2014, 2015 और 2016 के लिए शुरू की गई कर पुनर्मूल्यांकन कार्यवाही के खिलाफ कांग्रेस की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था। पार्टी ने पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही पर आपत्ति जताई थी। कांग्रेस पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की कार्यवाही की भी एक लिमिट होती है। आयकर विभाग ज्यादा से ज्यादा छह सालों के लिए आकलन की समीक्षा कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोसिडिंग आयकर कानून के प्रावधानों के बिल्कुल उलट जा रहा है।
इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने क्या कहा
इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उनकी तरफ से किसी भी कानूनी प्रावधान की अनदेखी नहीं की गई है। साथ ही कहा कि इकट्ठा किए गए सबूतों के आधार पर पार्टी की ओर से छिपाई गई इनकम 520 करोड़ रुपये से ज्यादा है। हाई कोर्ट ने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के बकाया टैक्स वसूली के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। एक अधिकारी ने 2018-19 के लिए कांग्रेस की इनकम 199 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी थी। वहीं पार्टी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया टैक्स मांगा था।