जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। शिवसेना में जब से बगावत हुई है तब बाल ठाकरे की बनाई हुई पार्टी अब पूरी तरह से टूट गई है।
अब चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। दरअसल शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है।
इसके तहत शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान उद्धव ठाकरे से छिन गया है। इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे गुट की बड़ी जीत तब हुई जब शिवसेना का प्रतीक तीर कमान उनको सौंप दिया है।
इसके बाद से दोनों गुट की तरफ बयानबाजी चरम पर है। ठाकरे गुट लगातार चुनाव आयोग के इस फैसले का विरोध कर रहा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यकीन है चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि मुझे यकीन है…चुनाव चिन्ह और नाम हासिल करने के लिए अब तक 2000 करोड़ के सौदे और लेन-देन हो चुके हैं… यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है..जल्द ही कई बातों का खुलासा होगा.. देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।
माझी खात्रीची माहिती आहे….
चिन्ह आणि नाव मिळवण्यासाठी आता पर्यंत 2000 कोटींचा सौदा आणि व्यवहार झाले आहेत…
हा प्राथमिक आकडा आहे आणि 100 टक्के सत्य आहे..
बऱ्याच गोष्टी लवकरच उघड होतील..
देशाच्या इतिहासात असे कधीच घडले नव्हते.. pic.twitter.com/3Siiro6O9b— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 19, 2023
चुनाव आयोग के फैसले के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया तो वहीं संजय राउत ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। वहीं इस पर उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे का बयान भी सामने आ रहा है।
उद्धव ठाकरे भी अब चुप बैठने वाले नहीं है। अब जानकारी मिल रही है कि शिवसेना का नाम और चुनाव निशान चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को मिलने के बाद उद्धव ठाकरे अब बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। दरअसल इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला गुट अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है।