जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश स्थित मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव के संदर्भ में बनाई जा रही निर्वाचन सूची से अल्पसंख्यकों के नाम हटाए जा रहे हैं. इस बाबत उन्होंने मुरादाबाद के जिलाधिकारी / जिला निर्वाचन अधिकारी को चिट्ठी भी लिखी है.
सपा सांसद ने चिट्ठी में अधिकारियों पर पार्टी विशेष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा- आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 हेतु विधान सभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष एवं संक्षिप्त पुनरीक्ष्ण में पूरे प्रदेश की मतदाता सूचियों में गडबड़ी की जा रही है.
जिसमें लोकसभा 6 मुरादाबाद की समस्त विधान सभओं में प्राप्त परिर्वधन हेतु प्राप्त फार्मों में एक विशेष राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा निर्वाचन कार्यालयों में स्वयं बैठकर बहुसंख्यक नाम तो स्वीकार किये जा रहे हैं एवं अल्पसंख्यक नाम वाले फार्मों को अस्वीकृत किया जा रहा है.
हसन ने लिखा- जिसका प्रमाण भारत निर्वाचन आयोग के सर्वर ERO net के ERO लॉगिन में देख जा सकता है. इसी प्रकार से अपमार्जन हेतु प्राप्त फार्मों में अल्पसंख्यक नामों के फार्मों को तो स्वीकृत किया जा रहा है एवं बहुसंख्यक नाम देखकर फार्म को अस्वीकृत किया जा रहा है जिससे अल्पसंख्यक वोट अधिक न बढ़ सके, इसके साथ ही जे अल्पसंख्यक 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के हो गये है. उनको सीधा बिना बी०एल०ओ० की रिपोर्ट के डिलीट किया जा रहा है जो कि नियम विरूद्ध है.
सपा सांसद ने किया ये दावा
उन्होंने दावा किया कि भारी संख्या में बहुसंख्यक डबल वोटो की फिडिंग निर्वाचन कार्यालयों में बिना बी०एल०ओ० की रिपोर्ट के सीधे फीड किये जा रहे है. जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उनके द्वारा निर्वाचन की निष्पक्ष एवं शुद्ध मतदाता सूची बनाने की नीति पर पूर्णतः ग्रहण लगाने की तैयारी कर ली है.
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सपा सांसद ने इस मामले की जांच करने की मांग करते हुए कहा है कि समय कम है एवं दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए वोटर लिस्ट में हो रही इस धांधलीबाजी को तत्काल रूप से रोका जाए.