जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी टीईटी) पेपर लीक केस में मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपी पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
इस मामले में पुलिस ने अब सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) संजय कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पहले एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
इस एजेंसी को प्रश्न पत्र छापने का वर्क आर्डर संजय उपाध्याय ने जारी किया था। प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि देर रात पूछताछ के बाद जांच अधिकारी और यूपी एसटीएफ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया है।
आज संजय उपाध्याय को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस उन्हें रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी। प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में शुरुआत में ही शासन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया था कि सख्त एक्शन लिया जाएगा। कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। इसी क्रम में यह गिरफ्तारी हुई है।
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एडीजी लॉ एंड आर्डर ने कहा कि संजय उपाध्याय के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। इसी आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। बताया जा रहा है कि शासन ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को पेपर लीक के लिए प्रथम दृष्टया दोषी माना है।
योगी सरकार पहले ही उन्हें सस्पेंड कर चुकी है। यूपी टीईटी परीक्षा को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ही थी।
माना जा रहा है परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई और दिल्ली की गैर जिम्मेदार एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड को पेपर प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंप दी थी।
एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद ने प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान गोपनीयता और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की, जिसकी वजह से पेपर आउट हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ गई।
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28 नवंबर को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।
परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेश भर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था।
टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था।
इससे पहले 2019 में आयोजित हुई यूपीटेट में 16 लाख और 2018 में आयोजित हुई इस परीक्षा में तकरीबन 11 लाख अभ्यर्थियों ने भा लिया था।
टीईटी परीक्षा में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे थे, लेकिन पेपर लीक होने की वजह से टीईटी परीक्षा को स्थगित करना पड़ा।
टीईटी पर्चा लीक में एसटीएफ ने अभी तक करीब 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीएम योगी ने रासुका और गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।