जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ओमिक्रॉन कोविड वेरिएंट “चिंता का कारण है,घबराहट का कारण नहीं”।
बाइडन का ये बयान उत्तरी अमेरिका में ओमिक्रॉन के संक्रमण का मामला सामने आने के बाद आया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “अगर लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है और मास्क पहन रहे हैं तो अभी लॉकडाउन लगाने की कोई जरूरत नहीं है।”
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कनाडा में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं, और अमेरिका ने एहतियात के लिए आठ अफ्रीकी देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं।
राष्ट्रपति बाइडन के कोरोना वायरस के संक्रमण को ‘रोकने के वादे’ और कोरोना टीकाकरण के बावजूद भी अमेरिका में बीते साल के मुकाबले इस साल कोविड से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है।
सोमवार को व्हाइट हाउस में,राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि “दक्षिण अफ्रीका में पाया जाने वाला ओमिक्रॉन स्ट्रेन कभी ना कभी अमेरिका भी आएगा और इसे रोका नहीं जा सकता।”
उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन कंपनियां भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नए कोरोना टीकों के लिए “योजना” बना रही हैं।
पिछले सप्ताह,अमेरिका ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, नामीबिया, लेसोथो, इस्वातिनी, मोजाम्बिक और मलावी से उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। कनाडा, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों ने भी दक्षिणी अफ्रीका से यात्रा प्रतिबंधित लगा दिया है।
ओमिक्रॉन से दुनिया भर में कोरोना का खतरा बढ़ा- डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के कारण दुनिया भर में संक्रमण बढऩे का काफी अधिक खतरा पैदा हो गया है।
सोमवार को स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि दुनिया के कुछ क्षेत्रों पर इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। WHO प्रमुख, डॉ टेड्रोस ने एक बार फिर अमीर देशों से अपील की है कि वे गरीब देशों को टीका उपलब्ध कराएं, उन्होंने चेताया कि कोविड -19 का खतरा अभी टला नहीं है।
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डब्ल्यूएचओ ने अपने एक बयान में कहा, “यह वेरिएंट काफी तेजी से म्यूटेट हो रहा है और इनमें से कुछ म्यूटेशन चिंता के विषय हैं।”
सोमवार को डॉ. टेड्रोस ने कहा कि दुनियाभर के वैज्ञानिक यह पता लगाने में जुटे हैं कि नए वेरिएंट के ट्रांसमिशन का खतरा कितना बड़ा है, और वैक्सीन पर ये नया वेरिएंट कैसे प्रतिक्रिया करता है।
डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के कारण दुनिया भर में संक्रमण बढऩे का अधिक खतरा पैदा हो गया है।
इस महीने की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में इस नए वैरिएंट का पता चला था। शुरुआती सबूतों के आधार पर पता चलता है कि नए वोरिएंट का म्यूटेशन काफी अधिक है और संक्रमण का भी खतरा अधिक है।
इस वेरिएंट को तुरंत रिपोर्ट करने के लिए दक्षिण अफ्रीका की प्रशंसा की गई है। वहीं स्वास्थ्य संगठन ने साफ किया है कि अब तक नए वेरिएंट के कारण मौत का एक भी मामला सामने नहीं आया है।