जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश स्थित वाराणसी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में संसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए. इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अन्य गणमान्य भी उपस्थित रहे. छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के बाद पीएम मोदी ने जिस काशी को समय से भी प्राचीन कहा जाता है, जिसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त कर रही है.
ये दृश्य हृदय में संतोष भी देता है, गौरव की अनुभूति भी कराता है और यह विश्वास भी दिलाता है कि अमृत काल में सभी युवा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी केवल हमारी आस्था का तीर्थ ही नहीं है, ये भारत की शाश्वत चेतना का जाग्रत केंद्र है. हमारे ज्ञान, विज्ञान और आध्यात्म के उत्थान में जिन भाषाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा है, संस्कृत उनमें सबसे प्रमुख है. पीएम मोदी ने कहा कि हम तो निमित्त मात्र है. जहां महादेव क कृपा हो जाला… वह धरती अपने आप विकास करती है.
आदिशंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला- पीएम
पीएम ने कहा कि भारत ने जितने भी नए विचार दिये, नए विज्ञान दिये, उनका संबंध किसी न किसी सांस्कृतिक केंद्र से है. काशी का उदाहरण हमारे सामने है. ये शिव की भी नगरी है, यह बुद्ध की भी नगरी है. आदिशंकराचार्य को भी यहां से बोध मिला है. शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं. हर प्रांत हर रिवाज के लोग काशी आ कर बसते हैं. जहां ऐसी व्यवस्था होती है, वहीं नए विचारों का जन्म होता है.
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अमृतकाल में सभी युवा देश को नई उंचाई पर ले जाएंगे
पीएम ने कहा कि युवा विद्वानों के बीच आकर ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाने जैसा अनुभव हो रहा है. ये दृश्य विश्वास दिलाता है कि अमृतकाल में आप सभी युवा देश को नई उंचाई पर ले जाएंगे. काशी सर्वविद्या की राजधानी है. काशी का स्वरुप फिर से संवर रहा है. यह पूरे भारत के लिए गौरव की बात है. मैं सभी विजेताओं को उनकी परिश्रम, और प्रतिभा को बधाई देता हूं. जो चूक गए उनका भी अभिनंदन करता हूं.