जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लगभग 50 दिन बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया गया।इस मंत्रिमंडल में सिंधिया समर्थकों को जगह मिली है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही शिवराज सरकार के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया।
प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई। बेहद सादगी पूर्ण ढंग से आयोजित हुआ शपथ ग्रहण समारोह कुछ ही मिनट में संपन्न हो गया। कोरोना को देखते हुए इस कार्यक्रम में केवल 150 लोगों को ही प्रवेश मिल सका ।
जानकारी के अनुसार, विधायकों को मंत्री बनने के बाद पूर्व के विभागों की ही जिम्मेदारी मिलेगी। गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन, तुलसी सिलावट जल संसाधन विभाग का जिम्मा संभालेंगे।आपको बता दें कि ये दोनों ही विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं।
एमपी पहुँचते ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल पहले मंत्रियों को शपथ दिलाई। इसके बाद राज्यपाल अपने कार्यक्रम में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाएंगी।
शुक्रवार को राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को पहले को 12:30 बजे मंत्रियों की शपथ और 3 बजे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ का समय संभावित बताया गया। इस कैबिनेट के विस्तार के बाद राज्यपाल वाराणसी के लिए रवाना हो जाएंगी।
बता दें कि मध्यप्रदेश कैबिनेट के 14 सदस्यों गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया, डॉ. प्रभुराम चौधरी, बिसाहूलाल सिंह, एदल सिंह कंषाना, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडौतिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदौरिया ने चुनाव लड़ा था।
आगे भी हो सकता है कैबिनेट विस्तार
इसमें से इमरती देवी, एदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडोतिया अपनी सीट से चुनाव हार गए।इसमें से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को छह माह का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव के दौरान ही मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लेकिन अब दोनों को फिर से कैबिनेट में लिया जा रहा है। इसके बाद भी 4 पद खाली बचे रहेंगे यानि आगे भी कैबिनेट विस्तार होगा।
इमरती देवी सहित दो मंत्रियों का इस्तीफ़ा मंजूर
एमपी में हुए उपचुनाव में तीन मंत्रियों की हार हुई थी, जिसके चलते महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी, कृषि राज्यमंत्री रहे गिर्राज डंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना को इस्तीफा देना पड़ा था। 6 महीने का कार्यकाल पूरा होने पर राज्यपाल ने इनके इस्तीफे मंजूर कर लिए। मंत्रियों के इस्तीफे वाले विभाग दूसरे मंत्रियों को दिए जाएंगे।