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अक्सर नेता उलटे सीधे बयान देकर अपनी पार्टी की किरकिरी कराते रहते है। उन पर पार्टी के आलाकमान द्वारा दी गयी नसीहतों का भी कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी की इस हालत का जिम्मेदार कही न कहीं उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा की गयी बयानबाजी ही है। वहीं बीजेपी के नेता भी उसी ढ़र्रे पर चल रहे है जिससे कही न कही पार्टी की फजीहत हो रही है।
मध्य प्रदेश के भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अक्सर बेतुकी बयानबाजी करती रही है चाहे वो चुनाव से पहले हो या चुनाव के बाद। इस कारण से वो हमेशा चर्चा में बनी रहती है। लेकिन एक बार फिर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दी है और किसी तरह के विवादित बयान देने से मना किया गया है। पार्टी ने ये शख्त कदम उनके उस बयान पर उठाया है जिस पर उन्होंने बीजेपी नेताओं के निधन को विपक्ष की मारक शक्ति से जोड़ दिया था।
गौरतलब है कि बीजेपी इस साल काफी खराब दौर से गुजर रही है पार्टी ने इस साल कई बड़े और अहम नेताओं को खो दिया है। इनमें पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर शामिल हैं। इसी को लेकर प्रज्ञा ने कहा था कि विपक्ष के नेता भाजपा वालों पर ‘मारक शक्ति’ का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसकी वजह से बीजेपी के नेता दुनिया छोड़कर जा रहे हैं।
इसी के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से साध्वी प्रज्ञा को नसीहत दी गई है और बेवजह की बयानबाजी और विवादित बयान देने से बचें। इसके अलावा उन्हें आगे इस तरह के बयान ना दोहराने को भी कहा गया है।
बताया था हेमंत हेमंत करकरे पर हुआ उनके श्राप का असर
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब साध्वी ने इस तरह की बयानबाजी की है। इससे पहले उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान मुंबई हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मी हेमंत करकरे को लेकर बयान दिया था, जिसपर काफी विवाद हुआ था। साध्वी ने हेमंत करकरे को लेकर आरोप लगाया था कि करकरे ने उनके साथ काफी बुरा किया, इसलिए उनके श्राप का असर हेमंत करकरे पर हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दे चुके नसीहत
वहीं महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। उनके इस बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नसीहत दी थी। प्रधानमंत्री ने ऐसे बयानों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह उन्हें कभी भी दिल से माफ नहीं कर पाएंगे। इसके बाद पार्टी की तरफ से उन्हें नोटिस भी जारी किया गया था, हालांकि अभी तक साध्वी प्रज्ञा पर किसी तरह की कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है।