जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश स्थित रामपुर में गोली लगने से एक युवक के मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एक ओर जहां आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है वहीं दूसरी ओर भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद को नजरंबद कर लिया गया है.
बता दें सरकारी जमीन से आंबेडकर का बोर्ड हटावाने को लेकर दो पक्षों में बबाल हुआ था. इस दौरान एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई और 2 लोग हुए घायल थे. युवक की मौत से आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव किया था. ग्रामीणों ने दावा किया था कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी.
जिसके बाद धारा 302,323,149,148,147 एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(2)V के तहत चार पुलिस कर्मी,दो होमगार्ड सहित 25 नामजद लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. मृतक के पिता गेंदनलाल की शिकायत पर मिलक में मुकदमा दर्ज हुआ.
17 साल के युवक की गोली लगने से मौत
इससे पहले बुधवार सुबह ही रामपुर में पीड़ित दलित परिवार से मिलने जा रहे भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्र शेखर आज़द को पुलिस ने रोका था. आज़ाद रामपुर में उस पीड़ित दलित परिवार से मिलने जाना चाह रहे थे जिस परिवार के 17 साल के युवक की कल गोली लगने से मौत हुई थी.
उन्होंने कहा कि रामपुर में कुछ गज जमीन के लिए यूपी सरकार की पुलिस ने एक युवक को मार दिया. मैं तो सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या आजाद अपने परिवारों से नहीं मिल सकता है जिनके साथ खून की होली खेली गई है. मृतक की मां को सरकार क्या जवाब देगी? पत्रकारों से वार्ता के दौरान आजाद ने कहा था कि मैं किसी भी कीमत पर रामपुर में युवक के परिजनों से मिलने जाऊंगा. मैं उस परिवार को अकेला नहीं छोड़ूंगा. जिस तरह से सरेआम गोलियां चल रही हैं कानून व्यवस्था के नाम पर अब कुछ नहीं बचा है.
रक्षक ही भक्षक बन गई है
चंद्रशेखर ने कहा कि परिवार के लोग चाहते हैं कि मैं वहां जाऊं. रक्षक ही भक्षक बन गई है. जितनी पुलिस मुझे रोकने के लिए लगाई गई है उतनी अगर मजलूमों और मजबूरों का सुरक्षा में लगाई गई होती तो ऐसा नहीं होता.
चंद्रेशखर ने उठाए सवाल
एक सोशल मीडिया पोस्ट में चंद्रेशखर ने लिखा- आज फिर से हाथरस याद आ रहा है, उत्तर प्रदेश में दलितों का दमन चरम पर है. रामपुर में भाई सोमेश की पुलिस द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गयी है, कई लोग घायल है लेकिन पुलिस मुझे सम्भल में रोक कर खड़ी है. क्या अब मैं अपने पीड़ित परिवार से भी नही मिल सकता हूं.
उन्होंने लिखा- सच मे उत्तरप्रदेश बदल गया है अब दलितों की हत्या के लिये अपराधियों की जरूरत नही है योगी जी की पुलिस ही बहुत है. जितनी पुलिस लगानी है लगा लो मुझे रोकने के लिये, मैं जाऊंगा और जरूर जाऊंगा. यह बात सरकार ध्यान से सुन ले. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बताए दलितों की हत्याएं कब बन्द होगी उत्तरप्रदेश में?