न्यूज़ डेस्क
श्री राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला अस्थाई मंदिर में शिफ्ट हो गए। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विराजमान रामलला को टेंट से निकाल कर अपनी गोद में बैठाकर अस्थाई मंदिर के रजत सिंहासन में विराजमान कराया। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला विराजित हुए।
नवरात्रि के पहले दिन अस्थाई फाइबर मंदिर में विराजमान हो गए। बीते 28 सालों से टेंट में विराजमान रामलला की शिफ्टिंग से पहले अस्थायी मंदिर का शुद्धिकरण किया गया
सुबह ब्रह्म मूहूर्त में करीब 4 बजे श्रीरामजन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में शिफ्ट कर दिया गया। फाइबर के नए मंदिर में रामलला को विराजमान करने के लिए अयोध्या के राजघराने की तरफ से चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। साढ़े नौ किलो का यह सिंहासन जयपुर से बनवाया गया है।
अब चांदी के सिंहासन पर विराज रहे रामलला
जिस आकर्षक सिंहासन पर श्रीरामलला विराजमान हुए हैं, उसके पिछले हिस्से पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर बने हैं। अब तक मूल गर्भगृह के अस्थायी मंडप में रामलला लकड़ी के सिंहासन पर विराजित थे। अयोध्या राजघराने के राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र स्वयं यह सिंहासन लेकर अयोध्या से आए थे।
इस दौरान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महामंत्री चम्पत राय, ट्रस्ट के सदस्यगण निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेन्द्र दास, अयोध्या राज परिवार के मुखिया विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र, जिलाधिकारी अनुज झा सहित संत व महंत मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला को 11 लाख रुपए का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री श्री योगी ने रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय को 11 लाख रुपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री की ओर से प्रदान की गई धनराशि को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते में जमा कराया जाएगा।
अयोध्या मंदिर निर्माण का कर रही आह्वान : योगी आदित्यनाथ
राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के मूर्ति की शिफ्टिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या मंदिर निर्माण का आह्वान कर रही है। मुख्यमंत्री श्री योगी ने कहा कि मंदिर निर्माण के मद्देनजर पहला चरण संपन्न हो गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम त्रिपाल से नए आसन पर विराजमान हो गए हैं। अब इसके बाद मंदिर निर्माण की दिशा में आगे की प्रक्रिया का श्रीगणेश होगा।