जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के फैसला लिया गया है। कर्पूरी ठाकुर को ये सम्मान मरणोपरांत दिया जाएगा। इसका ऐलान तब किया जा रहा है जब बुधवार (24 जनवरी) को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती है।
इसका ऐलान खुद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर किया है जबकि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग सरकार से की थी जबकि उनके नाम पर विश्वविद्यालय खोलने के लिए मांग की थी।
कर्पूरी ठाकुर को बिहार में जननायक के नाम से मशहूर है और वो बिहार के सीएम के तौर पर कुछ समय के लिए जिम्मेदारी निभा चुके हैं।उनका पहला कार्यकाल दिसंबर 1970 से जून 1971 तक चला था और इसके बाद वह दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक सीएम पद पर रहे थे।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक X हैंडल से कर्पूरी ठाकुर की एक तस्वीर साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ”मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है और वह भी ऐसे समय में जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। हाशिये पर पड़े लोगों के एक चैंपियन और समानता और सशक्तिकरण के एक दिग्गज में यह प्रतिष्ठित सम्मान उनके सतत प्रयासों का प्रमाण है। ‘
पीएम मोदी ने लिखा, ”दलितों के उत्थान के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ी है। यह पुरस्कार न केवल उनके उल्लेखनीय योगदान का सम्मान करता है बल्कि हमें एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज बनाने के उनके मिशन को जारी रखने के लिए भी प्रेरित करता है। ”
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुशी जताई है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को सही निर्णय बताया। सीएम नीतीश ने कहा कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला ये सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह हमेशा से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं. जेडीयू की वर्षो पुरानी मांग पूरी हुई है।
तेज प्रताप ने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न“ से सम्मानित किया जाएगा।
ये घोषणा तमाम सामाजिक न्याय के आंदोलनकर्मियों व हम जैसे कार्यकर्ताओं की जीत है।
हमारी पार्टी, मा. लालू प्रसाद यादव जी, मा. श्री नीतीश कुमार जी एवं स्व. मुलायम सिंह यादव जैसे अनेकों समाजवादी प्रहरियों ने पूर्व से ही इस आंदोलन को जीवंत रखा और आज उनकी जीत हुई।