Monday - 28 October 2024 - 7:52 PM

भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने के लिए भागवत ने दिया ये मंत्र

जुबिली न्यूज डेस्क

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए मंत्र दिया है। छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा, हमें किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करना है बल्कि जीना सिखाना है।

उन्होंने कहा कि हम पूरी दुनिया को ऐसा सबक देने के लिए भारत भूमि में पैदा हुए हैं। हमारा संप्रदाय किसी की पूजा प्रणाली को बदले बिना अच्छा इंसान बनाता है।

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से होकर बहने वाली शिवनाथ नदी में स्थित मदकू द्वीप में 16 नवंबर से 19 नवंबर तक घोष शिविर का आयोजन किया गया था। शुक्रवार को इसके समापन के मौके पर घोष प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें आरएसएस प्रमुख ने हिस्सा लिया था।

इस अवसर पर भागवत ने कहा, ”सत्यमेव जयते नानृतम्। सत्य की ही जीत होती है, असत्य की नहीं। झूठ कितनी भी कोशिश कर लेकिन झूठ कभी विजयी नहीं होता है।”

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उन्होंने कहा है कि विश्व गुरु भारत के निर्माण के लिए हम सभी को मिलकर साथ चलना होगा। हम सभी को अपने पूर्वजों के उपदेशों को स्मरण करना है। हमारे पूर्वजों के पुण्य का स्मरण करा देने वाले इस क्षेत्र में संकल्प लेना है कि संपूर्ण विश्व को शांति सुख प्रदान करा देने वाला विश्वगुरु भारत गढऩे के लिए हम सुर में सुर मिलाकर एक ताल में कदम से कदम मिलाकर सौहार्द और समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ”यहां विविधता में एकता है और एकता में विविधता है। भारत ने कभी किसी का बुरा नहीं चाहा। पूर्व में हमारे पूर्वज यहां से पूरी दुनिया में गए और उन्होंने वहां के देशों को अपना धर्म (सत्य) दिया। लेकिन हमने कभी किसी को बदला नहीं, जो जिसके पास था उसे उसके पास ही रहने दिया।

उन्होंने कहा, हमने उन्हें ज्ञान दिया, विज्ञान दिया, गणित और आयुर्वेद दिया तथा उन्हें सभ्यता सिखाई। इसलिए हमारे साथ लडऩे वाले चीन के लोग भी यह कहते हुए नहीं सकुचाते कि भारत ने 2000 वर्ष पूर्व ही चीन पर अपनी संस्कृति का प्रभाव जमाया था, क्योंकि उस प्रभाव की याद ही सुखद है दुखद नहीं है।”

भागवत ने कहा, दुनिया उसी को पीटती है जो दुर्बल है। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि दुर्बलता ही पाप है। बलशाली का मतलब है संगठित होना। अकेला व्यक्ति बलशाली नहीं हो सकता है। कलयुग में संगठन ही शक्ति मानी जाती है। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे, हमें किसी को बदलने की आवश्यकता नहीं है।

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