जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। किसान आंदोलन हो या फिर विधानसभा का चुनाव हों, पश्चिम बंगाल का नंदीग्राम हमेशा सुर्खियों में रहा, जहां नंदीग्राम से आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कभी उनके दांये हाथ रहे सुवेन्दु अधिकारी के बीच कांटे की टक्कर होने के आसार हैं।
अधिकारी हाल में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। बनर्जी ने उस समय सभी को आश्चर्यचकित कर दिया जब उन्होंने नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने का एलान किया। इस सीट से तृणमूल से बीजेपी में शामिल हुए कद्दावर नेता अधिकारी चुनावी मैदान में उतरे हैं।
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वाम मोर्चा नीत महागठबंधन ने इस सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से मीनाक्षी मुखर्जी को चुनावी मैदान में उतारा है। मुखर्जी पश्चिम बंगाल में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया इकाई की अध्यक्ष हैं। बनर्जी के उम्मीदवारी की घोषणा के बाद अधिकारी ने कहा कि तृणमूल सुप्रीमो बाहरी हैं और नंदीग्राम की जनता उन्हें स्वीकार नहीं करेंगी।
अधिकारी अपने प्रतिद्वंदी सुश्री बनर्जी के खिलाफ नंदीग्राम में जीत के लिए 200% आश्वस्त हैं। उन्होंने नंदीग्राम आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा ममता बनर्जी को चुनाव के दौरान ही नंदीग्राम की याद आयी है। बनर्जी ने नंदीग्राम के क्या किया है। यहां के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। आप, आपका भतीजा और आपकी ‘प्राइवेट लिमिटेड’ महज घोषणा कर सकते हैं। बनर्जी नंदीग्राम से 50 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हारेंगी, अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
भाजपा नेता ने कहा कि पूरे राज्य में ममता विरोधी लहर है। दूसरी ओर चुनाव अभियान के दौरान सुश्री बनर्जी ने बड़ी मुखरता से कहा कि केवल एक बंगाली ही बंगाल पर शासन करेगा। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि बंगाल में भाजपा बाहरी पार्टी है। उन्होंने अपने चुनावी अभियान में कहा कि भाजपा बंगाल की पार्टी नहीं है, बल्कि गुजरात की है।
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