Tuesday - 29 October 2024 - 11:13 PM

मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए मिलेंगे ये लाभ : केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन

जुबिली न्यूज़ डेस्क

मध्य प्रदेश पहुंचे केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने एमपी को आत्म-निर्भर बनाने के लिए क्लस्टर आधारित उद्योगों और नवउद्यमियो को तकनीक उपलब्ध कराए जाने की बात कही। दरअसल प्रगत पदार्थ तथा प्रकम अनुसंधान संस्थान सीएसआईआर के कार्यक्रम में हिस्सा लेने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन एमपी पहुंचे थे।

इस कार्यक्रम में उनके साथ लघु ,मध्यम उद्यम मंत्री एवं विज्ञान एवं प्रोधोगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा भी मौजूद थे। जिन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश क्लस्टर आधारित उद्योगों के मार्फ़त देश को चीन से कम कीमत में अनेक उत्पाद उपलब्ध करवाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

प्रगत पदार्थ तथा प्रकम अनुसंधान संस्थान सी एस आई आर में रविवार को केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन औऱ सखलेचा की उपस्थिति में तकनीकी तथा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सम्बन्धी 4 एमओयू पर हस्ताक्षर और हस्तांतरण भी हुआ। इस अवसर पर मंत्री द्वारा ने प्रदर्शनी और लैब का अवलोकन किया और एम्प्री के नए भवन का उदघाटन भी किया।

केंद्रीय मंत्री श्री हर्षवर्धन ने मध्यप्रदेश में क्लस्टर आधारित उद्यमो की स्थापना के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में नवउद्यमियो के लिए विश्वास का नया माहौल बना है।

उन्होंने मंत्री सखलेचा के प्रयासों की भी प्रशंसा की और कहा कि सखलेचा के अनुभवों और प्रयासों से मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनने के साथ युवाओं को रोजगार देने में देश मे अब्बल होगा। हर्षवर्धन ने मध्यप्रदेश में विज्ञान और तकनीकी कार्यो को सुखद बताया और कहा कि वे अपने इस प्रवास से अभिभूत है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री सखलेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना जैसी विश्वव्यापी त्रासदी को अवसर में बदलने का तय किया और आत्म-निर्भर भारत की नई सोच की शुरुआत की।आत्म-निर्भर भारत का सबसे पहला कदम नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराना है। एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ की व्यवस्था से नए युग की शुरुआत हुई है।

उन्होंने केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन का अभिनंदन हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का सामान्य और छोटे-छोटे उद्यमियों तक प्रसार के लिए केंद्र सरकार का सहयोग अतुलनीय है।उन्होंने कहा कि अभी देश में 20 से 30 हजार करोड़ का फर्नीचर इंपोर्ट हो रहा है और वह इंपोर्ट सिर्फ इसलिए हो रहा है कि हमारा उत्पादन बिखरा हुआ है।हमने अब इसी बिखराव को दूर कर कलस्टर बनाए हैं।

सखलेचा ने कहा कि लक्ष्य है कि चाइना से 20प्रतिशत सस्ता फर्नीचर देश में बने और उसका पहला कलस्टर हमने इंदौर में 15 दिन पहले ही मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर साढे 700 एकड़ जमीन पर प्रारम्भ किया है। इस कलस्टर में 12000 लोगों को सीधे रोजगार मिल रहा है। सखलेचा ने कहा कि ऐसे ही अनेक क्लस्टर पर तेजी से काम चल रहा है।

मंत्री सखलेचा ने कहा कि देश तभी आत्म-निर्भर हो पाएगा जब साइंस एंड टेक्नोलॉजी की लैब की शोध और तकनीक का फायदा इन उद्योगों को मिले।उन्होंने कहा कि हम विज्ञान और पर्यटन बायोटेक्नोलॉजी लेब के बनाने के बारे में भी विचार कर रहे हैं ।

उन्होंने एक जिला एक उत्पाद का उल्लेख करते हुए कहा कि नीमच से सर्वाधिक औषधि प्रोड्यूस होते हैं और पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट हो रहे हैं लेकिन उनकी प्रोसेसिंग शायद 10 प्रतिशत की है,हम ऐसे क्षेत्रों में तेजी से काम कर रहे है।

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इस दौरान 4 एम ओ यू पर हस्ताक्षर हुए।इन समझौतों से केंद्र के संस्थान मध्य प्रदेश के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से नवीन उन्नत तकनीकी उपलब्ध कराएगी।ये करार वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद सीएसआईआर मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद एमपीसीएसटी सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग एमएसएमई और विज्ञान भारती मध्य प्रदेश के बीच हुए है।

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