न्यूज डेस्क
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गन्ना किसानों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीटर के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को बकाया नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन पर भी निशाना साधा है।
‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन पर भी साधा निशाना
प्रियंका ने कहा,
‘गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उप्र सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप्प हो जाता है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं’।
गन्ना किसानों के परिवार दिनरात मेहनत करते हैं। मगर उप्र सरकार उनके भुगतान का भी जिम्मा नहीं लेती। किसानों का 10000 करोड़ बकाया मतलब उनके बच्चों की शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और अगली फसल सबकुछ ठप्प हो जाता है। यह चौकीदार सिर्फ अमीरों की ड्यूटी करते हैं, गरीबों की इन्हें परवाह नहीं। pic.twitter.com/LIBbwamdrS
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 24, 2019
प्रियंका गांधी का जवाब देते हुए यूपी की सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया और बताया कि गन्न किसान अब खुशहाल हैं।
सीएम योगी ने ट्विट किया,
हमारी सरकार जब से सत्ता में आई है हमने लंबित 57,800 करोड़ का गन्ना बकाया भुगतान किया है। ये रकम कई राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। पिछली सपा-बसपा सरकारों ने गन्ना किसानों के लिए कुछ नहीं किया जिससे किसान भुखमरी का शिकार हो रहा था।
किसानों के ये ‘तथाकथित’ हितैषी तब कहाँ थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी की कगार पर था। इनकी नींद अब क्यों खुली है? प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है। किसान अब खुशहाल हैं।
किसानों के ये ‘तथाकथित’ हितैषी तब कहाँ थे जब 2012 से 2017 तक किसान भुखमरी की कगार पर था। इनकी नींद अब क्यों खुली है? प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल अब 22 प्रतिशत बढ़कर 28 लाख हेक्टेयर हुआ है और बंद पड़ी कई चीनी मिलों को भी प्रदेश में दोबारा शुरू किया गया है। किसान अब खुशहाल हैं।
— Chowkidar Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 24, 2019
गौरतलब है कि यूपी की राजनीति में गन्ना किसानों का हमेशा से बड़ा महत्व रहा है। बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपने घोषणापत्र में यह वादा किया था कि गन्ना किसानों को 14 दिनों के अंदर पैसे मिल जाएंगे। पश्चिमी यूपी को गन्ना बेल्ट भी कहा जाता है और यहां गन्ना बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है।
उत्तर प्रदेश के तकरीबन आधी चीनी मिलें प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में ही हैं और अधिकांश उत्पादन भी इसी हिस्से में है। चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा संगठित उद्योग है। गन्ना उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
2014 के लोकसभा चुनावों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। उस वक्त भी गन्ना किसान परेशान थे। चीनी मिलों पर उनका बकाया काफी ज्यादा था। इस मुद्दे को बीजेपी ने स्थानीय स्तर पर ठीक से उठाया और इसका फायदा पार्टी को मिला भी।
माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का गठबंधन अगर इस मुद्दे को ठीक ढंग से उठाता है तो पश्चिमी यूपी में कांटे की टक्कर हो सकती है।