जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री रह चुकीं मध्य प्रदेश की पूर्व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की पहली महिला और 25वीं राज्यपाल के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने राजभवन के गांधी सभागार में उनको पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण के बाद नयी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने गार्ड ऑफ ऑनर लिया। नये राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में सूबे के निवर्तमान राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं राज्य सरकार के कई मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे।
शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के परिवार एवं रिश्तेदार के 31 सदस्य भी उपस्थित रहे। प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय ने शपथ ग्रहण समारोह का संचालन किया।
हवाई अड्डे के स्टेट हैंगर पर उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया और राज्यपाल ने परेड की सलामी ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर नई राज्यपाल का स्वागत किया।
आनंदी बेन पटेल को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव मिला है। हालांकि 70 साल पहले वर्ष 1947 में सरोजिनी नायडू यहां की पहली महिला गवर्नर बनी थीं, लेकिन उस समय उत्तर प्रदेश का नाम यूनाइटेड प्राविंस था।
ऐसे में तकनीकी रूप से उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल आनंदी बेन को ही कहा जाएगा। इस तरह राज्य को अब तक 34 राज्यपाल मिल चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के नामकरण के बाद आनंदी बेन पटेल राज्य की 25वीं राज्यपाल हैं।
आपको बता दें कि गुजरात की सीएम रही आनंदीबेन पटेल को बीजेपी शासनकाल के दौरान एमपी का राज्यपाल बनाया गया था। लंबे समय तक गुजरात की राजनीति में सक्रिय रही आनंदीबेन पटेल ने 1988 में बीजेपी की सदस्यता ली थी। राजनीतिक में शंकर सिंह वाघेला से बगावत करने के बाद नरेंद्र मोदी से उनकी काफी नजदीकी बनी रही।
नरेंद्र मोदी के गुजरात का सीएम पद छोड़ने के बाद बीजेपी ने उन्हें गुजरात का सीएम बनाया। इससे पहले वो पूर्ववर्ती बीजेपी सरकारों में लगातार मंत्री बनी रहीं। आनंदीबेन पटेल की जगह एमपी के राज्यपाल के तौर पर लालजी टंडन को नियुक्त किया गया है। आयरन लेडी के तौर पर जाने जाने वाली आनंदीबेन पटेल गुजरात की पहली महिला सीएम बनी थीं।
पीएम बनने के बाद खुद नरेंद्र मोदी और बीजेपी विधायकों ने उनके नाम पर मुहर लगाई थी। गांधीवादी माहौल में पली बढ़ी आनंदीबेन पटेल ने एक स्कूल टीचर के तौर पर भी काम किया है। उन्हें काफी अनुशानसनप्रिय भी माना जाता है।
उनसे जुड़े लोगों का कहना है कि राजनीति में उनका आने का कारण उनके स्कूल टीचर के तौर पर रही एक दुर्घटना रही। साल 1987 में स्कूल पिकनिक के दौरान दो स्कूली छात्राओं के नदी में गिरने के बाद उन्हें बचाने के लिए वो खुद नदी में कुद पड़ीं। उन्हें इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें गुजरात सरकार ने वीरता पुरस्कार भी दिया था।
इस साहसिक कारनामे की खबर उनके पति और बीजेपी नेता मफतभाई पटेल के नजदीकी दोस्त नरेंद्र मोदी और शंकर सिंह वाघेला को हुई। जिसके बाद उन्हें बीजेपी से जुड़ने और महिलाओं के साथ काम करने को कहा गया। जिसके बाद उनके सियासी सफर की शुरुआत हुई।
इस दौरान सबसे पहले आनंदीबेन पटेल ने बीजेपी महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करना शुरू किया। राजनीति में आने के बाद वे 1994 में गुजरात से राज्यसभा की सांसद बनी। इसके अलावा 1998 में मांडवा से विधायक भी चुनी गई और प्रदेश की सरकार में शिक्षा मंत्री बनी।