जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला अक्सर मोदी सरकार की आलोचना करते रहते हैं। चाहे वह आर्टिकल 370 हटाने का हो मुद्दा हो या फिर घाटी में आतंकवाद का, इन सभी मुद्दों को लेकर वो मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।
हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार भारत को सांप्रदायिक बना रही है। ‘द वायर’ के लिए पत्रकार करन थापर को दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोग पराया महसूस कर रहे हैं, उन्हें लगता है कि “जैसे उन्हें दूर किया जा रहा है”।
नेशनल कॉन्फेंस के अध्यक्ष ने आगे कहा कि कश्मीर में स्थिति ‘एक ज्वालामुखी’ की तरह है जो कभी भी फट सकती है।
अगर ज्वालामुखी फटा तो परिणाम क्या होगा, के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह पूरे राष्ट्र को अपने साथ ले जाएगा’ और ‘कुछ भी नहीं बचेगा’ ।
पीएम नरेंद्र मोदी के भारत में मुस्लिम होना कैसा लगता है? के सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने दो टूक जवाब दिया कि यह भयावह है।
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पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा, “यहां सवाल यह है कि भारत सांप्रदायिक होता जा रहा है। यह धर्मनिरपेक्ष था। सरकार इसे साम्प्रदायिक बना रही है, वे लोगों को बांट रहे हैं।”
फारूक अब्दुल्ला ने विपक्षी एकता की कमी और टीएमसी और कांग्रेस के बीच आई खटास के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि ममता बनर्जी इस तथ्य से बहुत आहत महसूस करती हैं कि कांग्रेस ने उनकी मदद नहीं की, बल्कि उनके खिलाफ खड़ी हुई, जब उन्हें पश्चिम बंगाल के चुनावों में बीजेपी से चुनौती मिल रही थी।”
उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस परिसीमन आयोग के प्रस्तावों को शीर्ष अदालत में चुनौती देगी।
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अब्दुल्ला ने कहा कि उनका मानना है किपरिसीमन करने और जम्मू को कश्मीर से अधिक सीटें देने का निर्णय संविधान के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराए जाने के मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि अगर राज्य का दर्जा बहाल होने से पहले चुनाव कराए जाते हैं, तो उनकी पार्टी लड़ेगी। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि तब उन चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस की जीत होगी।