जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना काल में क्रिकेट बहाल हो गया है लेकिन आईपीएल होगा या नहीं इसको लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि बीसीसीआई आईपीएल को कराने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। बीसीसीआई हर वो चीज तलाश रही है जिससे आईपीएल हो सके। दरअसल आईपीएल से बीसीसीआई की मोटी कमाई होती है। इस वजह से बीसीसीआई आईपीएल को कोरोना काल में भी कराना चाहता है। इसके लिए उसने विकल्प भी तलाशने शुरू कर दिए है। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली भी आईपीएल को कराने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। अभी हाल में बीसीसीआई के अध्यक्ष ने एशिया कप को टालने की बात कही थी। हालांकि इसको लेकर पाकिस्तान में कड़ी आलोचना हो रही है।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने कहा कि यह साल बगैर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नहीं जाएगा। हमें जब भी 35 से 40 दिन का समय मिलेगा, तो टूर्नामेंट को देश में ही कराएंगे। यही हमारी प्राथमिकता भी है। कोई विकल्प नहीं होने पर इसे विदेश में कराया जाएगा, लेकिन इससे टूर्नामेंट के खर्चे बढ़ जाते हैं।
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बता दें कि इस साल आईपीएल 29 मार्च को खेला जाना था लेकिन कोरोना की वजह से बीसीसीआई ने अपने कदम पीछे करते हुए इसे टाल दिया था लेकिन अब बीसीसीआई इसको कराना चाहता है। मीडिया के हवाले से एक खबर यह भी चल रही है कि टी-20 विश्व कप को कोरोना की वजह से टाला जा सकता है। इसी वजह से आईपीएल की संभावना बढ़ गई है।
कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में आईसीसी टी-20 विश्व कप को टालने की घोषणा कर सकता है। ऐसे में आईपीएल की रास्ता साफ हो जाएगा और एक बार फिर भारतीय दर्शकों को आईपीएल का खेल देखने को मिल सकता है।
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दादा ने अपने जन्मदिन के अवसर पर आईपीएल को लेकर कहा था कि हमें 35 से 40 दिन का भी समय मिलता है, तो हम आईपीएल को देश में ही कराएंगे। फिलहाल, हम यह नहीं जानते कि यह कहां होगा। आईपीएल देश का सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। हम चाहते हैं कि यह जरूर हो।
श्रीलंका, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएई) और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने बीसीसीआई को प्रस्ताव भेजा है और अपने यहां कराने की बात कही है। हालांकि, आईपीएल को अब तक दो बार लोकसभा चुनाव के कारण भारत से बाहर हो चुका है।
भारत के बाहर भी आईपीएल को खूब पसंद किया गया था। 2009 में टूर्नामेंट की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका ने की थी। तब आईपीएल 5 हफ्ते और 2 दिन तक चला था।
इसके बाद 2014 में टूर्नामेंट के मैच भारत के अलावा यूएई में खेले गए थे। न्यूजीलैंड में कोरोना खत्म हो चुका है। ऐसे में बीसीसीआई की पहली पसंद बन सकता है लेकिन वहां पर आईपीएल कराना आसान नहीं होगा क्योंकि वहां के समय और भारत के समय में जमीन-आसमान का फर्क है।
ऐसे में टाइमिंग को लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है। अगर आईपीएल होता है तो आईसीसी के जो नये नियम बने हैं वो कैसे लागू होगा इसको भी देखना होगा,क्योंकि आईपीएल में खिलाडिय़ों में हद से ज्यादा जोश देखा जा सकता है। ऐसी स्थिति में गेंद को लार से पोछने से लेकर सोशल डिस्टेसिंग को कैसे लागू किया जाएगा यह भी बड़ी चुनौती होगी।
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बीसीसीआई कोरोना काल में आईपीएल को कराने की वकालत केवल इसलिए कर रहा है कि उसे हाल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कोरोना की वजह से क्रिकेट पूरी तरह से बंद है इस वजह से उसको भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। अगर आईपीएल नहीं हुआ तो बीसीसीआई को चार हजार करोड़ का नुकसान भी होगा। कहा तो यह भी जा रहा है इसका असर सभी फ्रेंचाइजियों, खिलाडिय़ों, प्रसारणकर्ताओं और हितधारकों पर पड़ेगा। ऐसा भी हो सकता है कि आईपीएल नहीं होने पर खिलाडयि़ों को पैसा नहीं मिले।