जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान विराट कोहली लगातार सुर्खियों में है। टी-20 के बाद वन डे कप्तानी से विराट कोहली को बेदखल कर दिया गया है। दरअसल बीसीसीआई ने तय किया है कि वन डे में अब विराट की जगह रोहित शर्मा भारतीय टीम कप्तानी करेंगे।
भारतीय क्रिकेट कट्रोल बोर्ड के इस एलान के बाद लगातार विराट और रोहित को लेकर मीडिया में तमाम तरह की बाते भी की जा रही है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि विराट कोहली बीसीसीआई के फैसले से खफा है।
दक्षिण अफ्रीका रवाना होने से पहले विराट कोहली ने मीडिया से बातचीत में कप्तानी से हटाया जाने को लेकर कहा है कि सिलेक्शन कमेटी की बैठक से डेढ़ घंटे पहले मुझसे संपर्क किया गया था।
यहां चीफ सिलेक्टर ने टेस्ट टीम की चर्चा की और फिर मीटिंग खत्म करने से पहले मुझे बताया गया कि मैं वनडे कप्तान नहीं रहूंगा। मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी। वहीं विराट कोहली ने बुधवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने उनसे टी-20 कप्तानी नहीं छोडऩे का अनुरोध नहीं किया था।
दूसरी ओर विराट के इस दावे पर बीसीसीआई ने अपनी सफाई दी है और बीसीसीआई के एक अधिकारी ने देश के जाने-माने न्यूज चैनल से कहा है कि बीसीसीआई ने सितंबर में विराट कोहली से बात की थी और उनसे कप्तानी नहीं छोडऩे का अनुरोध किया था। इसके अलावा विराट को वनडे कप्तानी के मामले में भी लूप में रखा गया था।
हालांकि अब ये मामला अब जोर पकड़ता नजर आ रहा है। इस मामले पर अब बीसीसीआई ने खुलकर अपनी बात रखी है और ऐसे में कहा जा सकता है कि कप्तानी विवाद पर विराट अब अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं।
पूर्व क्रिकेटर अशोक बांबी ने इस पूरे मामले पर कहा है कि बीसीसीआई ने जो तय किया है वो बेहद सही फैसला है। टेस्ट और वन डे का अलग-अलग कप्तान होना बेहतर है। विराट पर अब खुलकर बल्लेबाजी कर सकते हैं। जहां तक रोहित और विराट की बात है तो दोनों में किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। दोनों को मिलकर भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाना चाहिए।