पॉलिटिकल डेस्क।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान किया जा चुका है। तीसरे चरण के चुनाव 23 अप्रैल को होगा। वहीं चौथे चरण के चुनाव 29 अप्रैल को होना है। चौथे चरण में बुंदेलखंड की हमीरपुर-महोबा लोकसभा सीट पर भी मतदान होगा।
बुंदेलखंड की इस सीट पर बीजेपी, सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। इस सीट पर सभी दलों की खास नजर है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां मतदान होने से पहले पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं की जनसभा का कार्यक्रम तय है।
बता दें कि 19 अप्रैल को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या बेलाताल में जनसभा को संबोधित करेंगे। राजनाथ सिंह 20 अप्रैल को भरुआ सुमेरपुर के गायत्री तपोभूमि से हुंकार भरेंगे। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को महोबा में जनसभा करेंगे। 25 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की रैली कृषि विश्वविद्यालय बांदा में प्रस्तावित है।
2014 में पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को मिली थी जीत
साल 2014 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी से कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने सपा के बिशंभर प्रसाद निषाद को चुनावी मैदान में मात दी थी।
बीजेपी के कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल पहले, सपा के बिशंभर प्रसाद निषाद दूसरे, बीएसपी के राकेश कुमार गोस्वामी तीसरे और कांग्रेस की प्रतिमा लोधी चौथे स्थान पर रही थीं। कुंवर पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को 4,53,884 वोट मिले थे, जबकि सपा के बिशंभर प्रसाद निषाद को 1,87,096 वोट मिले थे।
2019 के चुनाव में त्रिकोणीय होगी लड़ाई
हमीरपुर सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। बीजेपी ने सीटिंग एमपी पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को फिर से उम्मीदवार बनाया है। सपा-बसपा गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में गई थी, जिसने दिलीप सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने प्रीतम किसान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन तीनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है।
प्रीतम किसान
कांग्रेस ने हमीरपुर महोबा सीट से प्रीतम लोधी को टिकट दिया गया है। प्रीतम सिंह किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। वह 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के प्रत्याशी थे। हाल ही में उन्होंने किसान सम्मेलन कराकर भारी भीड़ जुटाई थी।
प्रीतम सिंह किसान लोधी जाति से आते हैं। हमीरपुर सीट पर लोधी जाति का दबदबा हमेशा रहा है। प्रीतम सिंह किसान को अगर सवर्ण जातियों का वोट मिलता है और ठाकुर जाति का वोट पुष्पेन्द्र चंदेला व दिलीप सिंह के बीच बंटता है तो बुंदेलखंड की इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिल सकती है।
पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल
बीजेपी के उम्मीदवार पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल क्षत्रिय जाति से आते हैं। साल 2014 के चुनाव में सपा के उम्मीदवार को हराकर वह संसद पहुंचे थे। पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल से क्षेत्रीय जनता संतुष्ट नहीं है लेकिन उनकी साफ़-सुथरी छवि के चलते बेमन ही सही लोग उन्हें अन्य नेताओं से ठीक भी मानते हैं।
वहीं पांच साल के कार्यकाल में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे समेत कई योजनाओं के क्षेत्र में पहुंचने से उनको लाभ होने की संभावना भी दिखती है। कुछ दिन पूर्व मौदहा में हुए कंश मेला विवाद पर पुष्पेन्द्र चंदेल काफी सक्रिय नजर आए थे जिससे उनकी युवा वर्ग में पकड़ मजबूत हुई है। हालांकि कुछ लोग इस विवाद का जिम्मेदार भी उन्हें ही मानते हैं।
दिलीप सिंह
बहुजन समाज पार्टी ने हमीरपुर से खनन व्यवसायी दिलीप कुमार सिंह को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। दिलीप सिंह ने इससे पहले कोई चुनाव नहीं लड़ा है। वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
दिलीप सिंह का खुद का कोई जनाधार तो नहीं है लेकिन सपा-बसपा के वोटबैंक के सहारे वह चुनाव जीतने की उम्मीद लगाए हुए हैं। हालांकि तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ बताई जा रही है। दबी जुबान यह भी चर्चा है कि दिलीप सिंह रुपये के बल पर चौंकाने वाला चुनाव परिणाम भी दे सकते हैं।
(‘जुबिली पोस्ट’ की सीरीज ‘बुंदेलखंड का रण’ में हम आपको अगली बार ‘जालौन’ लोकसभा सीट के विषय में बताएंगे)