न्यूज़ डेस्क
मां सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। उनकी उपासना के लिए गुरुवार बेहद खास दिन होता है। बसंत पंचमी पर मां की उपासना को लेकर बन रहे शुभ संयोग को लेकर स्कूल-कॉलेजों में विशेष तैयारी है। इस उपलक्ष्य में प्रयागराज में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा में डुबकी लगाई है। उनके साथ कई और मंत्री भी मौजूद थे।
इस दौरान सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रयागराज की पावन धरती पर संगम तट पर आरती करने का सौभाग्य प्राप्त होने से मन को अनिर्वचनीय एवं दिव्य अनुभूति हुई। मां गंगा से प्रार्थना है कि वे सभी को अपने वात्सल्य एवं आशीर्वाद से सिंचित कर समृद्धि प्रदान करें। जय गंगा मइया।’
प्रयागराज की पावन धरती पर संगम तट पर आरती करने का सौभाग्य प्राप्त होने से मन को अनिर्वचनीय एवं दिव्य अनुभूति हुई।
माँ गंगा से प्रार्थना है कि वे सभी को अपने वात्सल्य एवं आशीर्वाद से सिंचित कर समृद्धि प्रदान करें।
जय गंगा मइया। pic.twitter.com/iN6ygKklxN
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 29, 2020
माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है। इस पर्व को बसंत पंचमी कहते हैं। इस दिन को वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किये जा सकते हैं।
इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, बुधवार 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से 30 जनवरी को दोपहर 1.29 बजे तक पंचमी तिथि है। सरस्वती पूजा पर बृहस्पतिवार को अमलकीर्ति और अनफा योग बन रहा है। चंद्रमा से दशम भाव में किसी ग्रह के रहने पर अमलकीर्ति योग और सूर्य को छोड़ चंद्रमा के द्वादश भाव में कोई ग्रह रहता है, तब अनफा योग बनता है।
इस तरह से करें उपासना
आज के दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें, काले या लाल वस्त्र नहीं। तत्पश्चात पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें। सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें। मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प अवश्य अर्पित करें।
इसके अलावा प्रसाद में मिसरी, दही और लावा समर्पित करें साथ ही केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा। मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ का जाप करें। जाप करने के बाद प्रसाद ग्रहण करें। मां सरस्वती के समक्ष अगर नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ किया जाय तो मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी बुद्धिमान हो जाता है।