स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया था। सरकार के इस फैसले से पेट्रोल पर 2 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 5 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से स्पेशल एडिशनल ड्यूटी भी लगाई गई है।
सरकार के इस कदम के बाद पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल के भाव में 13 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ है।
माना जा रहा है कि मोदी सरकार को इससे अच्छा राजस्व हासिल हो सकता है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने मोदी सरकार के इस फैसले का आंकलन किया है और अनुमान लगाया है कि सरकार को 1.4 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है, जो कि कुल जीडीपी का करीब 0.67 फीसदी होगा।
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ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज की एक रिपोर्ट सामने आ रही है। इस रिपोर्ट पर गौर करे तो कहा गया है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढऩे से सरकार को अतिरिक्त कमाई होना तय है।
रिपोर्ट के अनुसार ईंधन पर पहले से ही लगे टैक्स/सेस से सरकार को होने वाली सालाना 2.8 लाख करोड़ रुपये की कमाई के अतिरिक्त होगी और अब एक्साइज ड्यूटी बढऩे से सरकार के पास कुल 4.4 लाख करोड़ रुपये आएंगे, जो कि जीडीपी का 2.1 फीसदी होता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सरकार को 2020-21 में पेट्रोल एवं डीजल की मांग में 12 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।
अब मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल के भाव में 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है। इसके साथ टैक्स बढक़र 69 फीसदी हो गया है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
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बता दें कि कोरोना काल की वजह से भारत ही नहीं पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई है। इतना ही नहीं लोगों की नौकरी पर संकट के बादल छा गए है।