न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव के लिए अधिग्रहीत किए जा रहे वाहनों को देने में लापरवाही वाहन मालिकों के लिए मुसीबत बन सकती है। प्रशासन वाहन मालिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा।
वहीं, चुनाव में असहयोग करने के आरोप में भी कार्रवाई की जाएगी। जिले में कुल 5364 छोटे बड़े वाहन मालिकों की अधिग्रहण पत्र जारी किए जा चुक हैं। जबकि 1335 अतिरिक्त वाहनों की भी अभी आवश्यकता है।
परिवहन विभाग की कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराने का बड़ा जिम्मा परिवहन विभाग पर भी होता है। प्रेक्षक के भ्रमण, स्टेटिक व फ्लाइंग स्क्वॉड टीम में लेकर पोलिंग पार्टी को मतदान स्थल तक पहुंचाने और अर्धसैनिक और पुलिस बल के लिए वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की कंधों पर रहती है।
सात मई को वापस किए जाएंगे
छह मई को जिले में होने वाले मतदान के लिए तीन मई की सुबह राजकीय इंटर कॉलेज में अधिग्रहित वाहनो को बुलाया गया है। जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद सात मई को वापस किए जाएंगे।
इसके लिए अभी तक 512 स्कूल बस, 209 बस, 80 जीप, 280 स्कूल टैक्सी, 945 ट्रक, 1963 बोलेरा, 430 मैजिक, 745 डीसीएम वाहन को अधिग्रहित किया गया है। कुल 5364 वाहनों में से तीन हजार वाहनों को अधिग्रहण पत्र प्राप्त भी कराया जा चुका है। इन वाहनों के अतिरिक्त पुलिस और प्रशासन को कुल 1355 वाहनों की आवश्यकता है, जिसमें हल्के वाहन 692 और 643 भारी वाहन शामिल हैं।
नहीं जारी होगा परमिट
एआरटीओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव को देखते हुए तीन से सात मई तक कार्यालय से कोई भी परमिट जारी नहीं किया जाएगा। यदि वैवाहिक कार्यक्रम इन तिथियों के दौरान पड़ता है तो लोगों को अन्य वाहनों को विकल्प के रूप में प्रयोग करना होगा।
तिरपाल-डोरी के साथ लाने
एआरटीओ प्रशासन पंकज सिंह ने बताया कि 10 किलोमीटर की रेंज में आने वाले पोलिंग को पहुंचाने के लिए ट्र्रक व डीसीएम आदि प्रयोग किए जाएंगे। जबकि दूर के पोलिंग स्टेशन के लिए बसें व अन्य वाहन दिए जाएंगे। सभी भारी वाहन तिरपाल और डोरी के साथ लाने की हिदायत दी गई है।