जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार की कोशिशों से देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मज़बूत हुआ है. उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए ऋण का प्रवाह निर्बाध होना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले छह-सात साल में बैंकिंग सेक्टर को हर तरह से सहयोग किया और उसमें सुधार के लिए लगातार ज़रूरी कदम उठाये.
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले जो परेशानियां और चुनौतियां थीं उनका हमने एक-एक कर समाधान किया. हमने बैंकों की ताकत को बढ़ाया. बैंकिंग सेक्टर को मज़बूत करने के लिए ही हमने जनधन खातों को एक बड़े मूवमेंट की शक्ल दी और तय किया कि अब मुझे गरीब की झोपड़ी तक पहुंचकर उसका खाता बैंक में खुलवाना है. बैंक कर्मचारियों का इसमें भरपूर सहयोग मिला और यह सपना साकार हो गया.
उन्होंने कहा कि जनधन खाते खुलना शुरू हुए तो क्राइम रेट कम हुआ. यह बात मैं इस आधार पर कह रहा हूँ कि जिस राज्य में जितने ज्यादा जनधन खाते खुले वहां उतना ज्यादा क्राइम रेट कम हुआ. बैंकिंग सेक्टर की रिसर्च भी यही बात बताती है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा दिए गए पांच लाख करोड़ रुपये के कर्ज़ की हमने वसूली की. हमने बैंकिंग सिस्टम में कामकाज के तरीकों को बदला, उनमें सुधार किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की तारीख में बैंकों की स्थिति मज़बूत हो रही है. रिकवरी सिस्टम बेहतर हुआ है. बैंकों की ताकत इतनी बढ़ गई है कि वह देश की इकानामी को नई ऊर्जा देने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लायक बन गया है. उन्होंने कहा कि मैं इस दौर को भारत के बैंकिंग सेक्टर को मील का पत्थर मानता हूँ.
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