जुबिली स्पेशल डेस्क
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल उनको गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल जमानत भी नहीं मिलेगी। इस पूरे मामले पर भारत सरकार ने गहरी चिंता जाहिर की है। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने इसे अल्पसंख्यकों खास तौर पर हिंदुओं के खिलाफ हमला करार दिया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत देने से इनकार करना बेहद चिंताजनक है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के घरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी और तोडफ़ोड़ और देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज हैं।
बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और उनके धार्मिक नेताओं को लगातार टारगेट कर रही है और उनके खिलाफ हिंसा हो रही है।
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जो कि इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस के एक प्रमुख सक्रिय मेंबर है और उनको देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम की अदालत ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके बाद उनके समर्थकों में खासी नाराजग़ी है।
उनके खिलाफ यह आरोप तब लगाया गया जब एक रैली के दौरान कथित रूप से भगवा झंडा राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा लहराया गया। इस घटना के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हिंदू संगठनों ने इसे झूठे आरोप और अल्पसंख्यकों को दबाने की साजिश करार दिया है।
घटना का पूरा विवरण
चिन्मय कृष्ण दास और 18 अन्य लोगों पर चटगांव में आयोजित एक रैली के दौरान यह आरोप लगा कि उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। हालांकि उनके समर्थकों ने इससे इनकार किया है और पूरे मामले को साजिश करार दिया है।
उनकी गिरफ्तारी के बाद हिन्दुओं में नाराजगी और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं।