जुबिली न्यूज डेस्क
चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बड़ी संख्या में तीर्थयात्री चार धाम यात्रा के लिए अपने-अपने प्रांतों से निकले हैं. ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले यात्रियों को तीन धाम के रजिस्ट्रेशन तो मिल रहे हैं लेकिन केदारनाथ के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है जिससे तीर्थयात्रियों में निराशा है. लेकिन भगवान पर आस्था के चलते इंतजार जारी है.
बता दे कि बद्रीनाथ धाम का कपाट 27 अप्रैल को 7:10 पर खुलने जा रहा है. बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले तीर्थयात्री भी धीरे-धीरे बद्रीनाथ धाम की तरफ पहुंचने लगे हैं और बद्रीनाथ धाम के मुख्य पड़ाव पर पड़ने वाले सभी मंदिरों के दर्शन भी कर रहे हैं. यात्रियों में उत्साह है और सभी भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने के साक्षी बनना चाहते हैं.
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बता दें कि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी, कुबेर तथा उद्धव जी की डोली भगवान बद्री विशाल के मंदिर पहुंची है. गुरुवार को 7:10 मिनट पर भगवान बद्री विशाल के कपाल ग्रीष्म काल के लिए खुल जाएंगे. लगभग 15 से 20 क्विंटल फूलों से भगवान बद्री विशाल का मंदिर सजाया जा रहा है. मंदिर परिसर के आसपास के सभी इलाकों को रंग-बिरंगे फूलों से सजाने का काम भी जारी है. श्रद्धालु भी धीरे-धीरे बद्रीनाथ धाम पहुंचने लगे हैं.
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हालांकि, प्रशासन के दावों की पोल यात्रा के पहले ही दिन खुलने लगी है. आलम ये है कि सड़कों पर घंटों जाम से यात्रियों को जूझना पड़ रहा है. केदारनाथ यात्रा में कुंड से सोनप्रयाग तक कई ऐसे पेच हैं जिस पर समय रहते काम न होने के चलते अब यात्रियों को जाम से दो चार होना पड़ रहा है. आलम यह है कि जो भारी वाहन है उनको चढ़ाना लोहे के चने चबाने जैसा है.