जुबिली न्यूज़ डेस्क
बलिया गोलीकांड के तीसरे दिन भी मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने धीरेंद्र सहित 6 अन्य आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया है।
इस सनसनीखेज गोलीकांड के बाद मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह ने खुद वीडियो जारी कर दावा किया था कि उसने कोई गोली नहीं चलाई। साथ ही धीरेंद्र सिंह ने मांग की थी कि इस पूरे मामले की उचित जांच होनी चाहिए।
अपने बयान में धीरेंद्र प्रताप ने कहा था कि 15 अक्टूबर को राशन की दुकानों का आवंटन होना था और इसी वजह से कई अधिकारी मौके पर आवंटन प्रक्रिया के लिए आए हुए थे। मैंने भी इसी मामले को लेकर एसडीएम और बीडीओ से मुलाकात की थी।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि उसने अधिकारियों को अवगत कराया था कि क्षेत्र में चीजें काफी खराब थीं। साथ ही उसने एसडीएम, बीडीओ और अन्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। धीरेंद्र प्रताप का आरोप था कि वे लोग आवंटन प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे थे. धीरेंद्र प्रताप ने घटना के लिए पुलिस और प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया।
शुक्रवार तक को दो आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जबकि मुख्य आरोपी समेत छह आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई स्थानों पर छापेमारी की। वहीं पीड़ितों से मिलने के लिए शुक्रवार सुबह एडीजी (वाराणसी जोन) बृजभूषण व डीआईजी (आजमगढ़ जोन) सुभाष चंद्र दूबे भी दुर्जनपुर गांव पहुंचे। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मृतक के परिजनों से फोन पर बात की।
गुरुवार को हुई दुर्जनपुर हत्याकांड को लेकर शुक्रवार को भी गांव में तनाव रहा। शुक्रवार सुबह एडीजी बृजभूषण के साथ डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे , एसपी देवेन्द्र नाथ व डीएम श्रीहरि प्रताप शाही दुर्जनपुर पहुंचे। अधिकारियों ने मृतक जयप्रकाश गामा के परिजनों से मुलाकात की।
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बताया जा रहा है कि मृतक जयप्रकाश पाल के भाई चंद्रमा पाल ने अधिकारियों से 50 लाख रुपये मुआवजा तथा परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी की मांग की। वहीं परिवार के लोगों ने आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
एडीजी ने बताया कि एक आरोपित देवेन्द्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, अन्य की तलाश की जा रही है। अफसरों ने इस मामले से शासन को अवगत कराने का भरोसा दिया।
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डीआईजी सुभाष चंद्र दूबे ने बताया कि आरोपितों को पकड़ने के लिये एक दर्जन पुलिस टीमों का गठन किया गया है। उनके सम्भावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। वही देर शाम पुलिस ने एक और हत्यारोपी नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
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क्या है मामला
सरकारी राशन की दुकान आंवटन के लिये गुरुवार को आयोजित खुली बैठक में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। विवाद के दौरान मारपीट व पथराव के बीच एक पक्ष की ओर से पूर्व फौजी धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग के दौरान गोली लगने से जयप्रकाश पाल की मौत हो गई थी।
हत्याकांड में बैरिया विधायक सुरेन्द्र के करीबी रिटायर फौजी धीरेन्द्र प्रताप सिंह डबलू समेत आठ लोगों के खिलाफ नामजद तथा 25 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए योगी आदित्यनाथ ने एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ बैरिया चंद्रकेश सिंह समेत रेवती थाने के सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया था।