Thursday - 7 November 2024 - 5:14 PM

बादल ने मोदी को लिखा खत, दिलाई इमरजेंसी की याद

जुबिली न्यूज डेस्क

मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं हो रही है।

इसी कानून के चलते बीजेपी को अपने पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल को खोना पड़ा, हरियाणा में भी खट्टïर सरकार पर संकट बढ़ रहा है, बावजूद केंद्र सरकार अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रही।

दरअसल केंद्र सरकार को ऐसा लग रहा है कि अगर वह पीछे हटी तो यह मोदी के निजाम के लिए बड़ी चुनौती होगी।

विपक्षी दलों, कृषि विशेषज्ञों के साथ-साथ कई देशों के लोग किसानों का समर्थन में आ चुके हैं, बावजूद सरकार अब तक कोई रास्ता नहीं निकाल पाई है।  अब प्रधानमंत्री मोदी से भारत की सियासत के सबसे बुजुर्ग और तजुर्बेकार नेता सरदार प्रकाश सिंह बादल ने अनुरोध किया है।

बादल ने पीएम मोदी को खत लिखकर कहा है कि वह किसानों के आंदोलन का कोई शांतिपूर्ण हल निकालें और इसके लिए आंदोलन में शामिल लोगों से और राज्यों से लगातार बातचीत करें।

उन्होंने कहा है, ‘बातचीत, सुलह और सहमति किसी भी लोकतंत्र की बुनियाद हैं। बातचीत की प्रक्रिया से सुलह का रास्ता निकलता है और सुलह ही टकराव से बचने का एकमात्र जरिया है।’

बादल ने यह बातें किसानों और सरकार के बीच जारी टकराव को लेकर कही है।

एक समय में एनडीए के संयोजक रहे प्रकाश सिंह बादल ने इंदिरा गांधी के निजाम के दौरान 1975 में लगी इमरजेंसी का जिक्र करते

हुए लिखा है, ‘मैंने इमरजेंसी के दौरान तानाशाही के खिलाफ जंग लड़ी है। मेरा अनुभव मुझे बताता है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने से ही सबसे कठिन हालात के भी हल का रास्ता निकल सकता है।’

पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके 92 साल के बादल ने कहा है कि यह सरकार की विफलता रही है कि एक ऐसे मुद्दे पर जिससे 70 फीसदी लोग प्रभावित होते हों, सरकार ने राज्यों के साथ बात तक नहीं की।

उन्होंने कहा कि इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि संघीय ढांचे के हिमायती रहे मोदी ऐसा भी कर सकते हैं। उन्होंने लिखा है कि इस बात पर भी भरोसा करना मुश्किल है कि प्रचंड जनादेश हासिल करने वाली सरकार इस तरह के फैसले ले सकती है।

केंद्र सरकार का नया कृषि कानून शुरु से विवादों में है। जब मोदी सरकार यह अध्यादेश लाई थी, तभी से पंजाब में किसानों का आंदोलन शुरू हो गया था। जब सरकार ने जिद में कानून बना दिया तो किसानों ने प्रदर्शन तेज कर दिया और किसानों के ग़ुस्से से सियासी नुकसान की संभावना को देखते हुए शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था।

अकाली कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

हाल ही में प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण अवार्ड वापस किया है। उनके साथ ही सिख राजनीति के बड़े चेहरे सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी पद्म भूषण वापस कर दिया है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com