जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. बाबरी मस्जिद विध्वंस का फैसला आने के बाद जहाँ बीजेपी नेताओं ने सीबीआई अदालत के फैसले का स्वागत किया है वहीं कांग्रेस ने इस फैसले पर आश्चर्य जताया है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे काशी-मथुरा की तरफ बढ़ जाने के लिए प्रेरित करने वाला कदम बताया है.
सीबीआई कोर्ट का फैसला जानने के लिए अपने घर पर टीवी पर निगाह गड़ाए पूर्व उप प्रधानमन्त्री लाल कृष्ण आडवाणी बोले मेरा और भाजपा का विश्वास सही साबित हुआ. पूर्व गृहमंत्री मुरली मनोहर जोशी ने फैसले को एतिहासिक बताते हुए कहा कि इस फैसले से साबित हुआ कि छह दिसम्बर को जो हुआ वह षड्यंत्र के तहत नहीं हुआ था. हमने जनतांत्रिक आन्दोलन किया था. आज सारे विवादों का अंत हो गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फैसले का स्वागत करते हुए कि देर से सही मगर न्याय की जीत हुई है.
सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस फैसले के बाद सवाल उठाया कि क्या बाबरी मस्जिद अपने आप गिर गई. उन्होंने कहा कि यह फैसला न्याय का मज़ाक है. बाबरी मस्जिद को गिराने की आपराधिक साज़िश के सभी आरोपितों को बरी कर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने विध्वंस को क़ानून का भयावाह उल्लंघन बताया था. अब इस तरह का फैसला आया, यह शर्मनाक है.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में आज के दिन को काला दिन बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, शिवसेना और कांग्रेस की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ. कांग्रेस की सरकार में मस्जिद में मूर्तियां रखी गईं. ओवैसी ने कहा कि इस फैसले से यह सन्देश गया कि मथुरा-काशी में भी यही करते चलो, रूल ऑफ़ लॉ की चिंता मत करो. वे करते जायेंगे और क्लीन चिट मिलती जायेगी. उन्होंने आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से आगे याचिका डालने को कहा.
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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीबीआई अदालत का सभी दोषियों को बरी करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले और संविधान की परिपाटी से परे है. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 09 नवम्बर 2019 को बाबरी मस्जिद को गिराए जाने को गैरकानूनी अपराध बताया था.
बाबरी मस्जिद के वकील ज़फरयाब जीलानी ने सीबीआई कोर्ट के फैसले से नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि वह सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
बाबरी मस्जिद मसले के मुद्दई हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट सबूतों के हिसाब से फैसला करती है. सीबीआई कोर्ट ने जो भी फैसला किया लेकिन अब विवाद का नत हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या धर्म की नगरी है. यहाँ हिन्दू-मुसलमान साथ मिलकर रहते हैं तो बाकी जगह भी सबको मिलजुलकर रहना चाहिए.