जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. अयोध्या विध्वंस मामले का बहुप्रतीक्षित फैसला 30 सितम्बर को आ रहा है. सीबीआई की विशेष अदालत बाबरी मस्जिद गिराए जाने के आरोपितों को लेकर अपना फैसला सुनाने जा रही है.
बाबरी विध्वंस मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, महंत नृत्य गोपाल दास, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार और उमा भारती जैसे बड़े नामों को लेकर सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाने वाली है इस नाते 30 सितम्बर का दिन एतिहासिक होगा.
सीबीआई कोर्ट में बयान के दौरान लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी अपने बयानों से मुकर चुके हैं. उमा भारती ने आज एलान किया है कि अगर कोर्ट ने सजा सुनाई तो वह उससे बड़ी कोर्ट में अपील नहीं करेंगी.
बाबरी मस्जिद को लेकर आने वाले फैसले पर देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं. यह मामला क्योंकि अयोध्या से जुड़ा है इसलिए अयोध्या के प्रशासन ने 30 सितम्बर को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. पूरे जिले में हाई एलर्ट घोषित किया गया है.
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30 सितम्बर को अयोध्या को अभेद्य किले में बदल दिया जायेगा. अयोध्या पहुँचने वाले सभी रास्तों पर सघन चेकिंग का काम शुरू कर दिया गया है. अयोध्या में घुसने वाले हर वाहन की सघन तलाशी ली जायेगी.
अयोध्या के डीआईजी दीपक कुमार ने बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन चल ही रहा है. धारा 144 का भी कड़ाई से पालन कराया जा रहा है. 30 सितम्बर को क्योंकि बाबरी विध्वंस का फैसला आ रहा है इस नाते वर्दीधारी पुलिस के साथ-साथ सादी वर्दी में पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को साफ़ सन्देश दिया गया है कि कड़ाई से ड्यूटी करें और किसी भी सूरत में नियम-क़ानून में कोई शिथिलता न बरती जाए.